नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा 'संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2022' राज्यसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है। उच्च सदन में आदिवासी मामलों के मंत्रालय और रेल मंत्रालय के कामकाज पर भी चर्चा होगी।
जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा झारखंड और संविधान (अनुसूचित जाति) के संबंध में अनुसूचित जाति की सूची से 'भोगता' समुदाय को हटाने के लिए संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश, 1950 में संशोधन के लिए विधेयक को आगे बढ़ाएंगे। जनजाति) आदेश, 1950, राज्य के संबंध में कुछ समुदायों को अनुसूचित जनजातियों की सूची में शामिल करने के लिए विचार के लिए। मुंडा विधेयक को पारित कराने के लिए प्रस्ताव भी रखेंगे।
राम विचार नेताम ने मंगलवार को राज्यसभा में जनजातीय मामलों के मंत्रालय के कामकाज का मुद्दा उठाया। रेल मंत्रालय के कामकाज पर संसद के उच्च सदन में भी चर्चा होगी।
केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन 21 मार्च से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए सरकारी कामकाज पर भाषण देंगे।
राज्य सभा विभाग से संबंधित अन्य संसदीय समितियों की रिपोर्ट भी सुनेगी।
मेज पर कागजात रखने के लिए मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी.के. असिंह, नित्यानंद राय, रेणुका सिंह सरुतु, अन्नपूर्णा देवी, भगवंत खुबा, प्रतिमा भौमिक, डॉ सुभाष सरकार, डॉ भागवत कराड, और डॉ मंजापारा महेंद्रभा।
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