केंद्र सरकार ने 25 अगस्त को गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) बढ़ाने का निर्णय लिया। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि इस कदम से लगभग 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों को लाभ होने की संभावना है।
269 रुपये प्रति क्विंटल गन्ने पर अब तक के उच्चतम एफआरपी को मंजूरी देने का निर्णय कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया। गन्ने के एफआरपी में बढ़ोतरी को उत्तर प्रदेश और पंजाब में किसानों को लुभाने के लिए एक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
चालू चीनी सीजन 2020-21 में चीनी मिलों द्वारा 91,000 करोड़ रुपये मूल्य का लगभग 2,976 लाख टन गन्ना खरीदा गया, जो अब तक के उच्च स्तर पर है और एमएसपी पर धान की फसल की खरीद के बाद दूसरे स्थान पर है। आगामी चीनी मौसम 2021-22 में गन्ने के उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए चीनी मिलों द्वारा लगभग 3,088 लाख टन गन्ना खरीदे जाने की संभावना है। एक बयान में कहा गया है कि सरकार अपने किसान हितैषी उपायों के जरिए यह सुनिश्चित करेगी कि गन्ना किसानों को उनका बकाया समय पर मिले। चीनी मिलों द्वारा चीनी सीजन 2021-22 (1 अक्टूबर, 2021 से शुरू) में किसानों से गन्ने की खरीद के लिए स्वीकृत एफआरपी लागू होगी।
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