श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव और महबूबा मुफ्ती ने आपस में भेंट की। हालांकि दोनों ही नेताओं ने कई गंभीर मसलों पर चर्चा की लेकिन राज्य से आम्र्ड फोर्स स्पेशल पाॅवर एक्ट अर्थात् AFSPA हटाने की अटकलें प्रारंभ हो गई थीं मगर केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि केंद्र की इसे हटाने की कोई योजना नहीं थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय गृह और रक्षा मंत्रालय द्वारा राज्य से अफ्स्पा हटाने को लेकर किसी तरह की तैयारी अभी नहीं की गई है।
उल्लेखनीय है कि इस नियम के लागू हो जाने के बाद राज्य में सेना की संख्या में कमी करनी होगी। भारतीय जनता पार्टी के महासचिव राम माधव ने महबूबा मुफ्ती से भेंट की। इस मामले में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि राज्य में सरकार के गठन के लिए AFSPA आधार नहीं होगा।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहले ही राम माधव को यह जिम्मेदारी दे चुके हैं कि जम्मू और कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की सरकार के गठन को लेकर वे पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती से भेंट करें। राम माधव ने महबूबा से भेंट की और सरकार बनाने को लेकर बीते करीब डेढ़ माह के गतिरोध को समाप्त करने का प्रयास भी किया।
क्या है AFSPA
AFSPA लगने के बाद सेना के जवान किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट और तलाशी के पकड़ सकते हैं। यह उनका विशेषाधिकार है। यदि वह व्यक्ति गिरफ्तारी का विरोध करता है तो उसे जबरन गिरफ्तार करने का पूरा अधिकार सेना के जवानों को होता है। यह कानून 1990 में लागू किया गया था। तब से आज तक जम्मू-कश्मीर में यह कानून सेना को प्राप्त हैं। हालांकि लेह-लद्दाख इलाके इस कानून के अंतर्गत नहीं आते हैं।