नई दिल्ली: ऊर्जा संकट को कम करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार, राज्यों की सभी मांगों की पूर्ति करने की कोशिश कर रही है. पिछले चार दिनों में धीरे-धीरे कोयले का स्टॉक बढ़ने लगा है. सरकारी सूत्र का कहना है कि एक महीने में स्थिति सामान्य हो जाएगी. दैनिक बिजली और कोयले की सप्लाई में कोई कमी नहीं है. वहीं, संकट को कम करने के लिए, केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने राज्यों को एक्सचेंज पर ऊंचे दामों पर बिजली नहीं बेचने से लेकर पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य में बिजली उत्पादक को आदेश देने तक के निर्देश जारी किए हैं.
सरकारी सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया है कि कोयला मंत्रालय जनवरी से कोल इंडिया (Coal India) से स्टॉक लेने के लिए राज्यों को लिख रहा है, किन्तु कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. कोल इंडिया एक लिमिट तक ही स्टॉक कर सकता है, क्योंकि ओवरस्टॉकिंग से कोयले में आग लग सकती है. झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में अपनी कोयला खदानें हैं किन्तु, खनन काफी कम या बिल्कुल नहीं है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने मंगलवार को कोयला सप्लाई और बिजली उत्पादन को लेकर समीक्षा बैठक की. सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान कोयले के परिवहन को बढ़ाने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया गया. कोयला मंत्रालय को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने को कहा गया है, जबकि रेलवे को बिजली संयंत्रों तक ईंधन पहुंचाने के लिए रेक मुहैया कराने को कहा गया है. कोयले की कमी की वजह से राजस्थान से लेकर केरल में लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ा है.
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