नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे स्थित झुग्गियों को अभी नहीं हटाया जाएगा। यह जानकारी केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने देश की सबसे बड़ी अदालत को दी है। उन्होंने कोर्ट में कहा कि शहरी विकास मंत्रालय, रेल मंत्रालय और दिल्ली सरकार एक साथ बैठकर चार सप्ताह में इस मामले का समाधान निकालेंगे, तब तक झुग्गियों को नहीं ढहाया जाएगा। इसके बाद शीर्ष अदालत ने मामले को चार सप्ताह के लिए टाल दिया।
सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि, 'केंद्र को दिल्ली में रेल की पटरियों के पास स्थित 48,000 झुग्गियों को हटाने पर अभी अंतिम फैसला लिया जाना है।' उल्लेखनीय है कि इससे पहले मामले पर तीन सितंबर को सुनवाई की गई थी। तब कोर्ट ने दिल्ली में 140 किलोमीटर तक रेल पटरियों के किनारे बनीं 48,000 झुग्गी बस्तियों को तीन महीने के अंदर हटाने का निर्देश दिया था।
इससे पहले बीती सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि इस कदम के क्रियान्वयन में किसी प्रकार का सियासी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि झुग्गी-झोपड़ियों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा। जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ ने इलाके में अतिक्रमण हटाने के बारे में किसी भी अदालत को किसी तरह की रोक लगाने से भी रोका था।
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