नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषियों की सज़ा को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। हत्यारों को राहत न पहुंचाते हुए पांच जजों की संविधान पीठ ने कहा है कि हत्यारों की रिहाई नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हत्यारों की रिहाई पर केंद्र सरकार ही निर्णय ले सकता है। इस मसले पर राज्य सरकार अपनी ओर से कोई निर्णय नहीं कर सकेगी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार द्वारा हत्यारों को रिहा करने के निर्णय पर रोक लगा दी।
केंद्र सरकार ने तमिलनाडु सरकार के निर्णय को कोर्ट में चुनौति दी थी। यह निर्णय हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। जहां सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दत्तू की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने अपना निर्णय दिया। जिसमें सात दोषियों की रिहाई पर रोक लगाने का निर्णय दिया। उल्लेखनीय है कि जस्टिस दत्तू आज ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
संविधान पीठ द्वारा केंद्र की ओर से पेश साॅलिसिटर जनरल रंजीत कुमार और दोषी श्रीहरन उर्फ मुरूगन व तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं राम जेठमलानी व राकेश द्विवेदी समेत अन्य वकीलों की दलीलों पर ध्यान देने के बाद अपना निर्णय दिया गया। इसे बहुत अहम निर्णय माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को दोषियों को माफ करने का अधिकार नहीं है। न्यायाधीशों ने इस मामले में केंद्र सरकार को निर्णय करने को कहा है।