नई दिल्ली : मानसून के देश भर में दस्तक देते ही भारी बारिश का दौर प्रारम्भ हो गया है. केंद्र सरकार ने आज और कल कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. पूर्वी यूपी, असम, सिक्किम और उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी दी गयी है. साथ ही कश्मीर और गुजरात में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. कश्मीर में अगले 48 घंटे में भारी बारिश की सम्भावना जताई गई है.
गुजरात में भारी वर्षा और इससे कई हिस्सों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 70 तक पहुंच गयी है. तेज बारिश से बुरी तरह प्रभावित अमरेली जिले में 26 लोगों जान चली गयी है. आंकड़ों के अनुसार 26 लोगों की मौत बारिश से सबसे अधिक प्रभावित अमरेली जिले में हुई है, जबकि भरूच, जामनगर, कच्छ एवं राजकोट जिलों में पांच-पांच लोगों की मौत हो गई है.
देवभूमि-द्वारका में चार लोगों की जान चली गयी है, जबकि भावनगर, जूनागढ एवं सुरेन्द्रनगर में तीन-तीन लोग की मौत हुई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार दाहोद, मेहसाणा, मोरबी और सूरत में दो-दो लोगों की जान गयी है, जबकि खेडा, पोरबंदर एवं वलसाड में एक-एक व्यक्ति की मौत गई है. इसी बीच गुजरात सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपए मुआवजा प्रदान करने की घोषणा की है.
केदारनाथ जाने के लिए सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच मंदाकिनी नदी पर बना हुआ एक महत्वपूर्ण मजबूत पुल बारिश के कारण ढह गया. रद्रप्रयाग जिले के मजिस्ट्रेट राघव लैंगर ने जानकारी दी कि भारी बारिश के कारण मंदाकिनी नदी उफान पर है, जिसके परिणामस्वरूप केदारनाथ मंदिर जाने के लिए सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच वाहनों की आवागमन के लिए बना हुआ पूल क्षतिग्रस्त हो गया है.
मूसलाधार बारिश के बाद झेलम तथा विभिन्न नदियों एवं नालों में जलस्तर बढने की वजह से घाटी के कई हिस्सों के जलमग्न हो जाने के कारण कश्मीर में बाढ़ की चेतावनी दी गयी है. दक्षिण कश्मीर में कई पुल और सड़कें भी भारी बारिश के चलते बह गया. पुलवामा जिले के तराल क्षेत्र में भारी बारिश की वजह से बाढ़ की समस्या उत्पन्न हो गयी है.
क्षेत्र में मूसलाधार बारिश की वजह से झेलम में जलस्तर खतरे के निशान से उपर चले जाने के कारण अनंतनाग और पुलवामा जिले में बाढ़ की चेतावनी दी गयी है. मौसम विभाग ने कश्मीर में अगले 48 घंटों में भारी बारिश की सम्भावना दर्शायी है. इसे लेकर घाटी में भारी चिंता है. गौरतलब है कि पिछले वर्ष सितंबर में घाटी में खतरनाक बाढ़ आयी थी.