एयर इंडिया को बेचने की कोशिश में सरकार, पर कर्ज के कारण नहीं मिल रहा खरीदार
एयर इंडिया को बेचने की कोशिश में सरकार, पर कर्ज के कारण नहीं मिल रहा खरीदार
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नई दिल्ली : घाटे में चल रही एयर इंडिया को बेचने के लिए सरकार एक बार फिर से कदम बढ़ा सकती है। सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक, महाराजा में सरकार 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। सूत्रों का कहना है कि वर्ष की दूसरे छमाही में सरकार एयर लाइन को बेचने की तैयारी में है। इससे पहले भी सरकार की ओर से एयर इंडिया को बेचने के लिए प्रयास किए जा चुके हैं, किन्तु कर्ज के कारण इसे खरीदार नहीं मिल सका।

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सूत्रों का कहना है कि इस बार सरकार दुसरे प्रयत्न में एयर इंडिया को बेचने के लिए पहले की नाकामयाबी से सबक लेते हुए कई बड़े और अहम बदलाव भी कर सकती है। इस बार सरकार एयर इंडिया विनिवेश को लेकर सरकार की ओर से दो बड़े बदलाव हो सकते हैं। पहला यह कि एयर इंडिया 74 प्रतिशत नहीं बल्कि 100 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचा जा सकता है। माना जा रहा है कि पिछली बार एयर इंडिया को बेचने की कोशिश में नाकामी का सबसे बड़ा कारण यह था कि, सरकार खुद 26 फीसद साझेदारी रखना था, जिसके चलते कोई भी बड़ा खरीदार सामने नहीं आया था।

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सरकार की तरफ से दूसरा बड़ा कदम यह उठाया जा सकता है कि फिलहाल एयर इंडिया पर 25 हजार करोड़ का ऋण है, उसका बड़ा हिस्सा स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV)की ओर डायवर्ट कर दिया जाए। इसके पहले जब एयर इंडिया पर लगभग 55 हजार करोड़ रुपए का ऋण था, तब बोझ को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने लगभग 29 हजार करोड़ रुपये एसपीवी में डाल दिए थे। जानकारों का मानना है कि एयर इंडिया पर 25 हजार करोड़ ही ऐसा कारण हो सकता है, जिससे एयर इंडिया को खरीदार नहीं मिल रहा है।

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