राजीव गांधी के नाम से चल रही दो योजनाओं पर लग सकता है विराम
राजीव गांधी के नाम से चल रही दो योजनाओं पर लग सकता है विराम
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नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बनी उपसमूह ने केंद्र समर्थित योजनाओं (CSS) को घटाकर 30 करने की सिफारिश की है। उपसमूह ने 4 योजनाओं को हटाने का प्रस्ताव रखा है। मुख्यमंत्रियों के इस उपसमूह ने राजीव गांधी के नाम से चल रही दो योजनाओं को भी हटाने की सिफारिस की है। पिछले बजट में भी मोदी सरकार ने जवाहर लाल नेहरु के नाम से चल रही शहरी नवीकरण मिशन योजना को खत्म कर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से नई योजना की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्रियों ने पिछड़ा क्षेत्र अनुदान कोष और पुलिस आधुनिकीकरण योजना को हटाने के मुख्यमंत्रियों के उपसमूह के फैसले का विरोध किया है।

उनका कहना है कि इन योजनाओं को हटाने से नक्सलवाद और बढ़ेगा। डॉ. मनमोहन सिंह सरकार ने CSS योजनाओं की संख्या 225 से घटाकर 66 कर दी थी। इनकी संख्या और घटाने के लिए मोदी सरकार ने मुख्यमंत्रियों की एक उपसमूह का गठन किया था। बंद होने वाली योजनाओं में बीआरजीएफ (जिला और राज्य, दोनों मद), निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ढांचागत विकास के लिए राज्यों को आर्थिक सहायता, राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण योजना, राजीव गांधी किशोर बालिका सशक्तिकरण योजना, पुलिस और अन्य बलों के आधुनिकीकरण के लिए राष्ट्रीय योजना, ब्लॉक स्तर पर 6000 मॉडल स्कूल बनाने की योजनाएँ शामिल है। 

बीआरजीएफ योजना दो तरीके से चलती है। एक योजना में सरकार सीधे जिलों के विकास के लिए धन देती है। दूसरे में राज्यों को जिलों के विकास के लिए धन देती है। उपसमूह ने इन योजनाओं को केंद्र समर्थित योजनाओं से हटाने की सिफारिश की है। छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पूर्वोत्तर समेत कुछ और राज्यों के मुख्यमंत्रियों का कहना है कि केंद्र की तरफ से मिलने वाली सहायता से 28 राज्यों के 272 जिलों में विकास होता है। ये वो जिले हैं, जो बहुत पिछड़े हैं।

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