सुप्रीम कोर्ट से केंद्र की अपील, इलेक्ट्रॉनिक से पहले डिजिटल मीडिया को लेकर बने नियम
सुप्रीम कोर्ट से केंद्र की अपील, इलेक्ट्रॉनिक से पहले डिजिटल मीडिया को लेकर बने नियम
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नई दिल्ली: एक न्यूज चैनल के प्रोग्राम पर उठी आपत्ति के बाद देश की मेन स्ट्रीम मीडिया यानि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर लगाम कसने की सुनवाई के बीच केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनाम दायर किया है. अपने हलफनामे में शीर्ष अदालत ने कहा है कि मेन स्ट्रीम मीडिया से पहले डिजिटल मीडिया के लिए रेगुलेशन बनाने की आवश्यकता है, क्योंकि डिजिटल मीडिया का असर मेन स्ट्रीम मीडिया से अधिक व्यापक है. 

केंद्र ने शीर्ष अदालत में कहा है कि 'दाखिल की गई याचिका में केवल एक चैनल के नाम का उल्लेख है, इसलिए सर्वोच्च न्यायालय को मीडिया के लिए गाइडलाइन जारी करने से लिए एमिकस क्यूरी या समिति के गठन की प्रक्रिया नहीं करनी चाहिए. डिजिटल मीडिया के गंभीर प्रभाव और क्षमता के मद्देनज़र, यदि सुप्रीम कोर्ट कोई रेगुलेशन लाना चाहता है तो इसे पहले डिजिटल मीडिया के बारे में किया जाना चाहिए।  क्योंकि पहले से ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया को लेकर पर्याप्त दिशानिर्देश और न्यायिक घोषणाएं मौजूद हैं.'

केंद्र सरकार ने कहा कि 'मेन स्ट्रीम मीडिया यानि टीवी न्यूज चैनल्स, इनका टेलीकास्ट केवल एक बार का काम है. किन्तु डिजिटल मीडिया की पहुंच काफी व्यापक और तेज है. इसको पढ़ने वाले और देखने वाले कहीं अधिक है. WhatsApp, Twitter, Facebook के माध्यम से कोई भी सूचना तेजी से वायरल हो जाती है.' सरकार ने अदालत में कहा कि 'बोलने की आजादी और जिम्मेदार पत्रकारिता के संतुलन का क्षेत्र पहले से ही वैधानिक प्रावधानों और पिछले फैसले से संचालित होता है.' 

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