सेंसर बोर्ड को थी 'तितली' की भाषा से परेशानी
सेंसर बोर्ड को थी 'तितली' की भाषा से परेशानी
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'तितली' फिल्म दिबाकर बनर्जी की फिल्म है वे अपनी इस फिल्म के लिये बहुत खुश और उत्साहित है। इस फिल्म के प्रमोशन इवेंट मे दिबाकर ने बताया कि फिल्म मे कुछ शब्द ऐसे थे जिनकी वजह से फिल्म को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा। दिबाकर ने कहा कि जब यह फिल्म सेंसर बोर्ड वालों को दिखाई गई थी तब इस फिल्म को लेकर उन्हे कोई परेशानी नहीं थी और फिल्म को भी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा था। 

सेंसर बोर्ड वालों ने फिल्म के किसी भी सीन को कट नहीं किया था। फिल्म मे किसी भी सीन के कट नहीं होने से हम लोग बहुत खुश थे। लेकिन बाद मे सेंसर बोर्ड के चेयरमेन ने कहा कि इस फिल्म की भाषा अच्छी नहीं है। दिबाकर ने सोचा की फिल्म की अच्छी भाषा के लिये क्या किया जाए इस बात का फ़ैसला दिबाकर ने सेंसर बोर्ड के चेयरमेन पर ही छोड़ दिया। 

दिबाकर ने यह भी बताया कि सेंसर बोर्ड के चेयरमेन ने उन्हे दो हफ्ते बाद कॉल किया और फिल्म से कुछ भी कट नहीं किया। इस बात को जानकर दिबाकर बहुत खुश है कि उनकी फिल्म को सेंसर बोर्ड वालों ने हरी झंडी दिखा दी है। दिबाकर ने बताया कि उन्होने इस फिल्म पर तीन साल तक काम किया है। यह फिल्म एक पारिवारिक फिल्म है। इस फिल्म मे माँ,बाप,बेटे और पत्नी की कहानी के बारे मे बताया गया है। 

दिबाकर ने इस इवेंट मे ये भी कहा कि 'कोर्ट' जैसी फिल्मों को ऑस्कर के लिये जाना चाहिए। दिबाकर ने अभी इस फिल्म को देखा तो नहीं है पर इस फिल्म की बहुत तारीफ की है। 'तितली' फिल्म का निर्देशन कानू बहल ने किया है। यह फिल्म 16 अक्टूबर को रिलीज होने वाली है।     

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