घड़ी के दो कांटे मिलते हर दिशा में सुनाई पड़ेगी कृष्ण भक्ति की गूंज
घड़ी के दो कांटे मिलते हर दिशा में सुनाई पड़ेगी कृष्ण भक्ति की गूंज
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देशभर में एक बार फिर भगवान श्री कृष्ण का 5242 वां जन्मोत्सव मनाने की तैयारियां की जा रही हैं। इस दौरान मथुरा - वृंदावन की गलियां तो सजकर तैयार है ही हैं लेकिन मुंबई, कोलकाता और देश के हर छोटे - बड़े शहर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाने की तैयारियां कर ली गई हैं। इस दौरान मुंबई में दही - हांडी के कार्यक्रमों को लेकर लोगों में उल्लास बना हुआ है। मथुरा में शनिवार को पर्व का उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।

इस दौरान हजारों लोग पर्व के साक्षी बनेंगे। गोकुल की गलियों में आंनद उत्सव मनाने की धूम रहेगी। यही नहीं वृंदावन के घाटों पर पर्व को लेकर सजावट की जा रही है। यहां ब्रजेश्वरी, तीर्थेश्वरी में पूजन किया जाएगा। यही नहीं श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण के बाल गोपाल स्वरूप का पूजन करेंगे। दक्षिण भारत में भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का व्यापक प्रचार हुआ। यहां भी भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम रहेगी। दूसरी ओर महानगर मुंबई में भी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की धूम मची हुई है।

देशभर के इस्काॅन मंदिर तो भक्ति से सराबोर है हीं लेकिन यहां के इस्काॅन मंदिर में भी कृष्ण भक्ति का रंग नज़र आ रहा है। देशभर के कृष्ण मंदिर श्रद्धा और भक्ति से सराबोर नज़र आ रहे हैं। मध्यप्रदेश के इंदौर, उज्जैन समेत अन्य नगरों में भी कृष्ण भक्ति का उल्लास छाया हुआ है। उज्जैन में भगवान श्री कृष्ण के कई मंदिर होने से कृष्ण भक्ति का उल्लास छाया रहता है। 

इस दौरान शहर के अतिप्राचीन श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर और फ्रीगंज स्थित श्री गोपाल मंदिर में जन्मोत्सव की धूम रहती है। दूसरी ओर शहर के इस्काॅन मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव को लेकर उल्लास छाया रहता है। यहां भगवान के जन्मोत्सव को लेकर नृत्य और अन्य आयोजनों की धूम रहती है। शहर में भगवान का जन्मोत्सव दो दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान रात्रि 12 बजे भगवान के बाल गोपाल स्वरूप को पलने में विराजित कर झूला दिया जाता है और खुशियां मनाई जाती है।

भगवान श्री गोपाल जी को आकर्षक पोशाक अर्पित की जाती है। बाजार में भी कृष्ण भक्ति का रंग देखने को मिल रहा है बाजार भगवान श्रीकृष्ण की पोशाकों और आकर्षक मिठाईयों के साथ पूजन सामग्री से सजकर तैयार हो गया है। शनिवार - रविवार की दरमियानी रात 12 बजते ही देशभर में घंटे, शंख, नगाड़ों की ध्वनि गूंजने लगेगी और श्रद्धालु नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की के जयकारे लगाने लगेंगे। इसी के साथ मंदिरों में पंजीरी का प्रसाद वितरित किया जाएगा। 

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