घरों में मनाएं नवरात्र और गणेशोत्सव जैसे पर्व: बॉम्बे हाई कोर्ट
घरों में मनाएं नवरात्र और गणेशोत्सव जैसे पर्व: बॉम्बे हाई कोर्ट
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मुंबई:  छठ पूजा के आयोजन के लिए लोकल एडमिनिस्ट्रेशन से अनुमति न मिलने पर 'मन रंगलो' नाम की संस्था द्वारा लगाई एक याचिका की सुनवाई में बॉम्बे हाई कोर्ट ने ये बात कही. जूहू बीच पर छठ पूजा के हर साल होने वाले आयोजन को जब इस साल अनुमति नहीं मिली तो संस्था ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया. संस्था हर साल श्रद्धालुओं के लिए पूजा पाठ, पानी सहित अन्य ज़रूरो व्यवस्था करती आई है, पर इस साल बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एससी धर्माधिकारी ने पिछले साल हुई अनियमित्ताओं का हवाला देते हुए अनुमति देने से इंकार कर दिया. पिछले साल छठ पूजा के आयोजन में जूहू बीच पर ध्वनि प्रदुषण, ट्रैफिक में बाधा और10 से ज्यादा दिनों के बाद भी कचरा साफ न करने पर जवाब भी माँगा. 

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा, "हम धार्मिक त्योहारों और परंपराओं के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम सभी से इस बात की रिक्वेस्ट करते हैं कि त्योहारों की पवित्रता और संस्कार बनाए रखें. परंपराओं के नाम पर डांस और गाने को दूर ही रखें. इसलिए इस तरह के आयोजनों को रोका जाना चाहिए. मुंबई में जगह की काफी कमी हो गई है और अब समय आ गया है कि गणेशोत्सव व नवरात्र जैसे पर्व घरों में मनाए जाएं. आजकल गणेश मंडलों की ओर से करोडों रुपए वसूल किए जाते हैं और जो उसका अपने तरीके से इस्तेमाल करते हैं. आखिर इसका फायदा किसे मिल रहा है?"

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