नई दिल्ली: सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के वरिष्ठ पर्यावरण इंजीनियर मोहम्मद आरिफ के घर पर छापा मारा और 2.39 करोड़ रुपये नकद जब्त किए। यह छापेमारी आरिफ और एक बिचौलिए के बेटे किशलय शरण सिंह की गिरफ्तारी के बाद की गई, जिन्हें 91,500 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था।
सीबीआई ने 8 सितंबर को मामला शुरू किया था, जिसमें आरिफ के साथ कई अन्य लोगों को भी नामजद किया गया था, जिसमें बिचौलिया भगवत शरण सिंह और मेसर्स राम इलेक्ट्रोप्लेटर्स के मालिक राज कुमार चुघ शामिल थे। मामले में नरेला औद्योगिक क्षेत्र के मेसर्स एमवीएम के गोपाल नाथ कपूरिया और अन्य अज्ञात सरकारी कर्मचारी और निजी व्यक्ति भी शामिल हैं। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि आरिफ भ्रष्ट आचरण में लिप्त था, निजी फर्मों के लिए डीपीसीसी अनुमोदन को नवीनीकृत करने के लिए रिश्वत ले रहा था। भगवत शरण सिंह पर इन लेन-देन को सुगम बनाने, फर्मों से रिश्वत लेने और उन्हें आरिफ तक पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।
एक सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध ऑपरेशन में, सीबीआई अधिकारियों ने रिश्वत का लेन-देन करते हुए आरिफ और किशलय शरण सिंह को रंगे हाथों पकड़ने में कामयाबी हासिल की। आरिफ के घर और कार्यालय की तलाशी में भारी मात्रा में नकदी और संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए, जिससे रिश्वतखोरी की योजना में शामिल लोगों की संलिप्तता और भी बढ़ गई। इस कथित भ्रष्टाचार घोटाले की जांच जारी है, तथा अधिकारी मामले में नामित सभी पक्षों की संलिप्तता की जांच कर रहे हैं।
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