नई दिल्ली : IDBI बैंक से लिए 950 करोड़ के लोन को ना चुकाने के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो(CBI) ने विजय मालिया के 5 ठिकानो पर छापे मारे. सीबीआई ने IDBI बैंक पर संकटग्रस्त विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स को ऋण का विस्तार करने के कारणों पर उचित उत्तर प्रदान करने में विफल होने के बाद एजेंसी ने पिछले साल एक प्रारंभिक जांच दर्ज की थी। सीबीआई के तर्क के मुताबिक दिवालिया होने की कगार पर चल रही कंपनी को नियमो की अनदेखी कर लोन दिया गया था, नकारात्मक क्रेडिट रेटिंग और कम मुल्यांकन होने की जानकारी के बाद भी लोन बाट दिए गए .
जाँच के दायरे में डायरेक्टर माल्या, मुख्य लेखा अधिकारी ए. रघुनाथन और आईडीबीआई बैंक के अफसरों शामिल है . बहुत जल्द तीनो अभिकथित पक्षों से सवाल किये जाएंगे . एजेंसी 2013 में विभिन्न कंपनियों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों द्वारा दिए गए गलत लोन के संबंध में 27 समानान्तर जाँचे और मामलों दर्ज कर चुकी है। सीबीआई प्रवक्ता ने नई दिल्ली में बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के तहत आपराधिक साजिश रचने का मामला , भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों का आपराधिक उल्लंघन के साथ-साथ अन्य मामले दायर किये थे . 17 बैंको के कुल 7000 करोड़ रु का लोन डूबत लोन की श्रेणी में है, जिसमे SBI सबसे आगे 1600 करोड़ पर है, कुछ ही दिन पहले 950 करोड़ के लोन को न भरे जाने के कारण डूबत लोन (NPA ) की श्रेणी में डाला गया है . कंपनी अक्टूबर 2012 में अपने संचालन को बंद कर चुकी है .
सीबीआई प्रवक्ता ने नई दिल्ली में बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी के तहत आपराधिक साजिश रचने का मामला , भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के प्रावधानों का आपराधिक उल्लंघन के साथ-साथ अन्य मामले दायर किये थे .