उदयपुर: उदयपुर के होटल लक्ष्मी विलास पैलेस के केस में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) अदालत ने बड़ा आदेश दिया है. CBI कोर्ट ने कहा है कि हमने उदयपुर जिला प्रशासन को इस होटल को अपने कब्जे में लेने के लिए इसलिए आदेश दिया है क्योंकि केस लंबे चलते रहते हैं और साजिशकर्ता केस को लंबा खींच कर होटल का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं.
अपने आदेश में CBI कोर्ट ने कहा कि जब तक जांच चल रही है और आखिरी फैसला नहीं आता, तब तक जिला प्रशासन इस लक्ष्मी विलास होटल को अपने कब्जे में लेकर केंद्र सरकार के किसी सक्षम उपक्रम के माध्यम से इस होटल को चलाने की व्यवस्था करें और हर 3 महीने पर इसकी रिपोर्ट अदालत में जमा करे. CBI कोर्ट ने भारत सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि इतने बड़े सरकार का कामकाज देख रहे हैं, लेकिन एक होटल नहीं चला सकते और इस तरह से उन्हें पौने दामों में इतनी शानदार विरासत प्राइवेट लोगों को बेच रहे हैं.
CBI अदालत ने अपने फैसले में लिखा कि सीबीआई आरोपी तत्कालीन विदेश मंत्री अरुण शौरी, लाजार इंडिया लिमिटेड के एमडी आशीष गुहा, कांतिलाल करम, भारत होटल लिमिटेड के निदेशक ज्योत्सना सुरी और सचिव प्रदीप बैजल के खिलाफ आपराधिक साजिश का केस दर्ज कर इन्हें गिरफ्तारी वारंट से तलब किया जाए और पूरी जांच रिपोर्ट 1 महीने के अंदर सीबीआई अदालत में पेश की जाए.
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