नेपानगर उपचुनाव में जातिगत समीकरण को नहीं मिली तवज्जो
नेपानगर उपचुनाव में जातिगत समीकरण को नहीं मिली तवज्जो
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बुरहानपुर : बीजेपी के विधायक स्व. राजेंद्र दादू के निधन से रिक्त हुई नेपानगर विधान सभा सीट के उप चुनाव में कांग्रेस ने जातिगत समीकरण के चलते बारेला जाति के अंतरसिंह बर्डे को टिकट देकर ध्रुवीकरण की कोशिश की थी लेकिन उसकी यह कोशिश नाकाम रही. मतदाताओं ने एक तो जातिगत समीकरण को तवज्जो नहीं दी और दूसरा यह कि स्व.दादू की बेदाग छवि, उनकी बेटी मंजू के रूप में नया चेहरा और पार्टी की एक जुटता ने भाजपा की झोली में यह सीट फिर डाल दी.

गौरतलब है कि नेपानगर विधानसभा में 40 हजार वोट कोरकू व 70 हजार से अधिक वोट बारेला राठिया समाज के हैं. इसी को देखते हुए कांग्रेस ने बारेला जाति के अंतरसिंह बर्डे को टिकट दिया था ताकि वे इसके माध्यम से वोटों का ध्रुवीकरण कर सकें, लेकिन यहां कांग्रेस का प्रबन्धन असफल रहा, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी ही नहीं कांतिलाल भूरिया जैसे राष्ट्रीय आदिवासी नेता, राष्ट्रीय महासचिव मोहन प्रकाश, प्रदेशाध्यक्ष अस्र्ण यादव, प्रभारी नेता प्रतिपक्ष बाला बच्चन सहित अन्य नेताओं ने मतदाताओं के सामने पहली बार पार्टी की ओर से बारेला समाज के व्यक्ति को टिकट देने की बात कह कर मत देने की अपील की थी, लेकिन जातिगत समीकरण मतदाताओं का मन नहीं बदल सका.

भाजपा की इस जीत में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सभाओं और रोड शो का अहम योगंदान रहा. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान के सतत सहयोग के अलावा पार्टी की एक जुटता, कार्यकर्ताओं का समर्पण, स्वर्गीय विधायक दादू की उजली छवि, सहानुभूति की लहर, आरएसएस की सक्रियता, नोट बन्दी की सकारात्मकता, विकास कार्य और उम्मीदवार के रूप में उनकी बेटी मंजू को सभी का समर्थन मिलने से भाजपा के लिए यह जीत आसान हो गई. कल तक पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए ही अनजान रही मंजू की किस्मत ऐसी चमकी कि वह विधायक बन गई.

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