मामलों का लंबित रहना देश की कानूनी व्यवस्था के लिए चुनौती : दत्तू
मामलों का लंबित रहना देश की कानूनी व्यवस्था के लिए चुनौती : दत्तू
Share:

नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश एच.एल.दत्तू ने गुरुवार को कहा कि मामलों के निपटारे में देरी और इनका लंबित रहना देश की कानून व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। इस समस्या से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे। राष्ट्रीय विधि दिवस पर सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के एक आयोजन में दत्तू ने कहा, अगर न्याय तक पहुंच के अधिकार को आगे भी अर्थपूर्ण बनाए रखना है तो एक समय अवधि में मामलों को निपटाना होगा।

मामलो के निपटारे में देरी और उनका लंबित रहना कानूनी व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। प्रधान न्यायाधीश ने जानकारी देते हुए बताया की 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने अप्रत्याशित रूप से 83,013 मामले निपटाए। जो की किसी भी शीर्ष न्यालय द्वारा निपटाए गए मामलो में सबसे अधिक है। साथ ही साथ इतने मामले के निपटान का श्रेय उन्होंने साथी न्यायमूर्तियों और बार के सदस्यों को दिया और कहा कि हमें इतने मात्र से संतुष्ट नहीं होना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा, हमें लगातार बढ़ रहे मामलो पर भी नज़र रखना होगी। हमें अपना मूल्यांकन इस आधार पर नही करना है की हमने क्या किया था बल्कि, इस आधार पर करना है कि हमने क्या नहीं किया।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -