मुम्बई : निरुद्देश्य रूप से की गई छोटी सी गलती भी कितना बवाल मचा सकती है, यह मराठा मूक मार्च को लेकर शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे कार्टून को देखकर समझा जा सकता है. यह बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. हालाँकि इस कार्टून के लिए अखबार के कार्टूनिस्ट ने खेद व्यक्त कर दिया है.
दरअसल इस विवाद की शुरुआत महाराष्ट्र में चल रहे मराठा मूक मार्च को लेकर शिवसेना के मुखपत्र सामना अंक में छपे कार्टून में मराठा मूक मार्च को व्यंगात्मक तरीके से चुंबन आंदोलन के रूप में पेश करने को लेकर हुई. इसके विरोध में मंगलवार को कुछ लोगों ने नवी मुंबई एवं ठाणे में मंगलवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना के कार्यालय पर पथराव किया और स्याही फेंकी.
दूसरी तरफ सामना ने मंगलवार के संस्करण में कार्टून पर अपनी स्थिति साफ की है. सामना ने कहा है कि कार्टून छापने का उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था. उधर, कार्टूनिस्ट श्रीनिवास प्रभुदेसाई ने खेद जताते हुए कहा कि मेरे कार्टून की वजह से मराठा समाज की भावनाएं आहत हुई हैं, लेकिन मेरा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई विचार नहीं था, इसके बावजूद में अनजाने में भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए खेद जताता हूं.