वोकेशनल कोर्स से नीलगि करियर को उड़ान, जानिये क्या है संभावनाएं
वोकेशनल कोर्स से नीलगि करियर को उड़ान, जानिये क्या है संभावनाएं
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कुछ सालो से युवाओं में वोकेशनल (व्यवसायिक) कोर्स का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। अब युवा सिर्फ ट्रेडिशनल कोर्स की बजाए बेहतर नौकरी के लिए वोकेशनल कोर्स में भी संभावनाएं ढूंढ रहे हैं। बोर्ड परीक्षाएं करीब खत्म होने वाली हैं। इसके अलावा अभी से छात्रों ने सोचना शुरू कर दिया है कि 12वीं के बाद क्या किया जा सकता है । वोकेशनल कोर्स में विद्यार्थियों को खास क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाता है। इससे नौकरी में मदद मिलती है। छात्र 12वीं के बाद पसंद के कोर्स का चुनाव कर अपने हुनर को निखार सकते हैं।

विदेशी भाषा में बनाएं करियर 
कोई भी विदेशी भाषा करियर को गति दे सकती है। इसे सीखने के बाद आप टूर ऑपरेटर, टीचिंग और ट्रांसलेटर के रूप में काम कर सकते हैं। वैश्वीकरण के बाद भारत में कई मल्टीनेशनल कंपनियां आई हैं। इससे विदेशी भाषा के जानकारों की मांग बढ़ी है। ऐसे में कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में छात्रों का रुझान लैंग्वेज कोर्स की तरफ बढ़ा है। दिल्ली विश्वविद्यालय समेत कई जगहों से इसका कोर्स किया जा सकता है। 

खाना बनाने में है दिलचस्पी तो करें होटल मैनेजमेंट
जिन्हें खाना बनाने में दिलचस्पी है, वे होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर सकते हैं। कई कॉलेज इसका कोर्स करा रहे हैं। होटल मैनेजमेंट में शेफ बनने के अलावा भी कई विकल्प हैं। कोर्स के बाद छात्र बड़े-बड़े होटलों, क्रूज और रेस्त्रां में नियुक्त किए जाते हैं। आप खुद का व्यापार भी शुरू कर सकते हैं। 

ट्रेवल एंड टूरिज्म में बेहतर विकल्प
विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लिए ट्रेवल एंड टूरिज्म अच्छा क्षेत्र माना जाता है। हर साल बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भारत आते हैं। इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इस इंडस्ट्री में सरकारी पर्यटन विभाग, इमिग्रेशन एंड कस्टम, ट्रेवल एजेंसी, एयरलाइंस, टूर ऑपरेटर और होटल जैसी सेवाएं शामिल हैं। ट्रेवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री से अंतरराष्ट्रीय स्तर के टूर ऑपरेटर और निजी ट्रेवल जुड़े होते हैं। ट्रेवल एंड टूरिज्म इंडस्ट्री में फुल टाइम कोर्सेज के अलावा शॉर्ट टर्म कोर्स के विकल्प भी हैं। इससे जुड़े एक वर्षीय कई शॉर्ट टर्म कोर्स हैं। जैसे एयरलाइन टिकटिंग, एयरलाइन ग्राउंड ऑपरेशन, ग्राउंड सपोर्ट एंड एयरपोर्ट मैनेजमेंट आदि।

फुटवियर डिजाइनिंग में चमकाएं भविष्य  
अब चमड़े और कपड़े के साथ-साथ प्लास्टिक, जूट, रबर के भी फुटवियर बन रहे हैं। इनकी बाजार में खूब मांग रहती है। भारत में फुटवियर इंडस्ट्री में लगातार इजाफा हो रहा है। कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी यहां फुटवियर प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट में हाथ आजमा रही हैं। 12वीं के बाद इसमें एंट्री ले सकते हैं। ये सभी कोर्स एक से तीन साल के होते हैं।  

आईटीआई के बाद काफी मांग
आईटीआई में एक साल और दो साल के कई कोर्स होते हैं। पेंटर, ड्राफ्टमैन, मशीनिस्ट, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी समेत कई ट्रेंड में वोकेशनल कोर्स किया जा सकता है। आईटीआई की बाजार में काफी मांग है। कोर्स के बाद आसानी से नौकरी भी मिल जाती है।
 
अगर डिजाइनिंग का शौक हो
अगर आपकी दिलचस्पी आर्ट और डिजाइन में है तो टेक्सटाइल डिजाइन, टूल एंड डाई मेकिंग, टेक्सटाइल डिजाइन और आर्ट फॉर ड्राइंग टीचर का विकल्प मौजूद है। कोर्स के बाद खुद का काम शुरू करने की भी काफी संभावनाएं है। फैशन डिजाइनिंग और इंटिरियर डिजाइन भी कर सकते हैं। डिप्लोमा में भी नौकरी मिल सकती है। 12वीं के बाद ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, केमिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग आदि में भी करियर बनाया जा सकता है। 

 

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