मोगा : पंजाब प्रांत के मोगा में बस में महिला और उसकी लड़की के साथ हुई छेड़छाड़ के मामले में पीडि़त परिवार ने मृत लड़की का अंतिम संस्कार करने से यह कहकर इंकार कर दिया कि प्रशासन इस परिवहन कंपनी का परमिट रद्द करने की मांग पूरी करे इसके बाद ही लड़की का अंतिम संस्कार किया जाएगा वहीं पीडि़त परिवार ने बादल पर एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की।
मिली जानकारी के अनुसार मोगा में बस में हुई छेड़छाड़ की घटना के बाद पीडि़ता के परिजन का आक्रोश पंजाब के मुख्यमंत्री बादल पर फूट पड़ा है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि पंजाब में कानून व्यवस्था लचर हो गई है। दूसरी ओर पीडि़ता के परिजन का कहना है कि इस मामले में कार्रवाई में काफी देरी की गई है यदि हादसे वाली बस कंपनी का परमिट रद्द नहीं किया जाता तो लड़की का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। मामले में लड़की का परिवार, कांग्रेस के सदस्य, आम आदमी पार्टी और अन्य राहनीतिक दलों ने विरोध का मोर्चा खोल लिया है।
विरोधियों द्वारा अस्पताल परिसर के सामने धरना दिया गया। दूसरी ओर अस्पताल में लड़की की माता का इलाज चल रहा है। मृतका के पिता सुखदेव सिंह ने कहा कि वह तब तक लड़की का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे जबतक कि उनकी मांगे पूरी नहीं हो पाऐंगी। दूसरी ओर आरोपियों को न्यायालय ने 4 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। मोगा के वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक जेएस खेहरा ने बताया कि बस छेड़खानी कांड और अन्य कथित सामूहिक बलात्कार प्रकरण की जांच मामले में की जा रही है।
दोनों ही घटनाओं के विरूद्ध कांग्रेस और आम आदमी पार्टी द्वावरा मोगा के ही समीप बागापुराना में अलग - अलग प्रदर्शन किया जा रहा है। पार्टियों की अगुवाई कर रहे नेता आरोपियों के साथ आॅर्बिट एविएशन के मालिकों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उबर से पूछताछ तो आॅर्बिट से क्यों नहीं आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान ने कहा कि उबर टैक्सी सेवा के अधिकारियों से चालक द्वारा कैब में कथित बलात्कार के सिलसिले में सवाल किए गए। आॅर्बिट एविएशन से पूछताछ क्यों नहीं की जा रही है।
उन्होंने कहा कि गोवा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा चेंजिंग रूम में सीसीटीवी कैमरा पकड़ने पर कार्रवाई की जाती है तो फिर इस मामले में कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। ठुकराया नौकरी और मुआवजा पीडि़त परिवार ने सरकार की ओर से दिए गए 20 लाख रूपए की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी के मुआवजे को ठुकरार दिया है। मामले को लेकर डीआईजी, डिप्टी कमिश्नर, कृषि मंत्री के पीए ने दो घंटे तक अर्शदीप के परिजन को मनाने का प्रयास किया मगर उसके पिता सुखदेव सिंह पोस्टमार्टम के लिए राजी नहीं हुए।
यही नहीं उन्होंने 20 लाख की आर्थिक सहायता भी नहीं ली। उन्होंने मांग की कि बस कंपनी के मालिक सुखबीरसिंह बादल के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की जाए। दूसरी ओर मामले में पुलिस ने बस चालक रणजीतसिंह, कंडक्टर सुखविंदर सिंह, हेल्पर अमर राम और गुरदीप सिंह आदि को न्यायालय में पेश किया गया आरोपियों को चार दिन की रिमांड पर भेज दिया गया। हालांकि उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। मामले में आरोपियों के लाईसेंस की जांच की गई।
NTIPL reserves the right to delete, edit, or alter in any manner it sees fit comments that it, in its sole discretion, deems to be obscene, offensive, defamatory, threatening, in violation of trademark, copyright or other laws, or is otherwise unacceptable.