दिल्ली: केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने मंगलवार को मोदी शासन में न बोलने की स्वतंत्रता के आरोपो को लेकर जवाब दिया देश में मिली जाने वाली स्वतंत्रता इतनी अधिक है कि प्रधानमंत्री तक की तुलना गधे से की जा सकती है. नायडू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर कहा, आपको देश में अभिव्यक्ति की आजादी की सीमा आप इस बात से देख सकते है कि आप प्रधानमंत्री को नाम लेकर बुला सकते हैं, आप इस तरह के लेख लिख सकते हैं कि अगर कल प्रधानमंत्री का निधन हो गया तो फलां व्यक्ति प्रधानमंत्री होगा. आप उनकी तुलना गधे से कर सकते हैं और आप यह भी कहते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और वामपंथी दलों पर आरोप लगाया है की उन्होंने देश के कुछ नामचीन शिक्षण संस्थानों में हुई घटनाओ को अलग तरह से दिखने की कोशिश की है. नायडू ने कहा कि कुछ लोग जो गलत राह पर चल रहे है वह युवाओं को गुमराह करने के साथ समाज में तनाव पैदा कर रहे है जिससे देश की जनता की भावनाओं को आहत हो रही है.
बता दे की बीते सप्ताह दिल्ली के रामजस कॉलेज में एबीवीपी और आइसा के कार्यकर्ताओं के बीच झगड़ा हुआ. दोनों दलो के बीच देशद्रोह के मामले में आरोपी जेएनयू छात्र उमर खालिद को एक सेमिनार में आमंत्रित करने को लेकर टकराव हुआ था.
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