नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए, हरित ऊर्जा गलियारे के दूसरे चरण को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
ठाकुर के अनुसार, केंद्र परियोजना की लागत का 33 प्रतिशत योगदान देगा, जिसका इरादा पांच साल की अवधि में सात राज्यों में लगभग 20GW अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के ग्रिड एकीकरण और बिजली निकासी को सक्षम करना है।
12,031 करोड़ रुपये की परियोजना से लगभग 10,750 सर्किट किलोमीटर की लाइनें जुड़ जाएंगी और सबस्टेशन की क्षमता 27,500 मेगावोल्ट-एम्पीयर से अधिक हो जाएगी। गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, राजस्थान, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश परियोजना के दायरे में आने वाले सात राज्यों में शामिल हैं।
कार्यक्रम स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के 450 GW के 2030 लक्ष्य को पूरा करने में सहायता करेगा। इसके अलावा, ग्रीन कॉरिडोर देश की दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा में मदद करेगा और मंत्री के अनुसार कार्बन उत्सर्जन को कम करके पर्यावरण के अनुकूल विकास को प्रोत्साहित करेगा।
यह योजना कुल 12,031.33 करोड़ रुपये की लागत से लागू होने की उम्मीद है, जिसमें केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) परियोजना लागत के 33% या 3970.34 करोड़ रुपये है। ट्रांसमिशन सिस्टम वित्तीय वर्ष 2021-22 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक पांच साल की अवधि के दौरान बनाए जाएंगे।
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