ओला-उबर की हड़ताल का असर कामकाजी लोगों पर ज्यादा
ओला-उबर की हड़ताल का असर कामकाजी लोगों पर ज्यादा
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नई दिल्ली : किराए में वृद्धि की मांग और कंपनियों द्वारा इंसेंटिव बंद किए जाने के खिलाफ ऐप आधारित कैब चालकों की हड़ताल छठे दिन भी जारी रहने से कामकाजी और बाहर यात्रा पर जाने वालों पर ज्यादा पड़ा हैं.सोमवार को दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों से बातचीत के बावजूद हड़ताल खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं.

इस बारे में ओला-उबर चालकों के यूनियन ने बताया कि दिल्ली के परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ बुधवार को चालकों और कंपनियों की फिर बैठक बुलाई है, लेकिन कंपनियों की तरफ से चालकों के साथ अभी तक सीधे बातचीत की कोई पहल नहीं की गई है.यूनियन ने तोड़फोड़ की घटनाओं को असामाजिक तत्त्वों की साजिश बताया.

उल्लेखनीय हैं कि ऐप आधारित कैब के सड़कों से गायब रहने का बड़ा असर कामकाजी लोगों, हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशनों पर बाहर से आने वालों पर दिखा. उन्हें या तो प्री-पेड काली-पीली टैक्सी का सहारा लेना पड़ा या फिर कई गुना ज्यादा भाड़ा देना पड़ा.उधर छठे दिन भी दिल्ली-एनसीआर के लगभग डेढ़ लाख चालक हड़ताल पर रहे और कई हजार की संख्या में जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे रहे.हड़ताल का आह्वान करने वाले सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन आॅफ दिल्ली के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक कोई समाधान नहीं निकलता हड़ताल जारी रहेगी.

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