गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन के दौरान सीन से बाहर रहने वाले पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने रविवार को मीडिया को संबोधित किया. सपा प्रदेश कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान की निंदा की.
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अपने बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि सीएए पर उपद्रव के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान बेहद ही निंदनीय है. वह बदले की बात कर रहे हैं. प्रदेश की जनता का मुखिया जब इस तरह की बात करेगा तो जनता का भयभीत होना लाजिमी है. भय के कारण लोग घरों में छुपने के लिए मजबूर हैं. सरकार लोगों का ध्यान भटकाने के लिए दंगे करा रही है. यह लोगों को दंगा करने लिए उकसा रही है. उपद्रव के दौरान चिन्हित लोगों की संपत्ति कुर्क करने के बारे में उन्होंने कहा कि 2007 के गोरखपुर दंगों के दौरान कितने लोगों की संपत्ति कुर्क की गई थी. सरकार यह तो बता दे. सपा पर आरोप बेबुनियाद है. हम तो सीएए के विरोध में अपना शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगे.
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इसके अलावा अखिलेश यादव ने कहा कि लखनऊ की हिंसा भाजपा सरकार की देन हैं. अगर सरकार प्रदर्शनकारियों की बात सुनती तो शायद ऐसा नहीं होता. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती तो शांतिपूर्ण ढंग से धरना प्रदर्शन हो जाता. सीएम योगी आदित्यनाथ तो सदन में ही कहते हैं कि 'ठोंक दो' . उनकी भाषा की वजह से 15 लोगों की मौत हुई है. पुलिस पर सवालिया निशान लगाते हुए अखिलेश ने कहा कि पुलिस सरकार के इशारे पर कर रही है.
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