जले हुए स्थान पर लगाए मेहँदी के पत्ते

मेंहदी समस्त भारत में मुख्यतः पंजाब,गुजरात,मध्य प्रदेश तथा राजस्थान के शुष्क पर्णपाती वनों में पायी जाती है. इसके कोमल पत्तों को सुखाकर,पीसकर मेंहदी के नाम से बेचा जा सकता है . इसका पुष्पकाल एवं फलकाल जुलाई से दिसंबर तक होता है .

1-लगभग 4.5 ग्राम मेंहदी के फूलों को पानी में पीसकर कपड़े से छान लें,इसमें 7 ग्राम शहद मिलाकर कुछ दिन पीने से गर्मी से उत्पन्न सिरदर्द शीघ्र ही ठीक हो जाता है .

2-लगभग 5 ग्राम मेंहदी के पत्ते लेकर रात को मिटटी के बर्तन में भिगो दें और प्रातःकाल इन पत्तियों को मसलकर तथा छानकर रोगी को पिला दें . एक सप्ताह के सेवन से पुराने पीलिया रोग में अत्यंत लाभ होता है .

3- अग्नि से जले हुए स्थान पर मेंहदी की छाल या पत्तों को पीसकर गाढ़ा लेप करने से लाभ होता है .

4- दस ग्राम मेंहदी के पत्तों को 200 मिली पानी में भिगोकर रख दें,थोड़ी देर बाद छानकर इस पानी से गरारे करने से मुँह के छाले शीघ्र शांत हो जाते हैं .

5- मेंहदी में दही और आंवला चूर्ण मिलाकर 2-3 घंटे बालों में लगाने से बल घने,मुलायम,काले और लम्बे होते हैं .

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