बेंगलोर : सोमवार को कर्नाटक विधानसभा में होने वाले विश्वासमत परिक्षण से पहले कांग्रेस - जेडीएस की सत्ताधारी गठबंधन को एक और झटका लगा है। ये झटका किसी और ने नहीं बल्कि उन्हीं के सहयोगी मायावती की बसपा ने दिया है। बसपा विधायक ने ऐलान किया कि वह कल विधानसभा में होने वाले विश्वासमत परिक्षण के दौरान सदन से अनुपस्थित रहेंगे। बसपा विधायक एन महेश ने बताया, 'मैं मायावती जी के निर्देशानुसार कल कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत में भाग नहीं लूंगा।' विधायक के फैसले से सरकार को इसलिए झटका लगा है क्योंकि वह पहले से ही अल्पमत में आ चुकी है।
इस स्थिति में उसके लिए एक-एक वोट बहुत कीमती है। यदि सरकार सदन में बहुमत साबित नहीं कर पाई तो वह गिर जाएगी। कांग्रेस और जेडीएस सरकार बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। इसी बीच विश्वास मत को लेकर राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। राज्य में सियासी बैठकों का दौर जारी है।
कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के नेताओं ने बैठकें की तो भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने भी पार्टी विधायकों से मिलकर कार्ययोजना पर चर्चा की। कहा जा रहा है कि गठबंधन नेता मुंबई में डेरा डाले बैठे बागी विधायकों को मनाने की आखिरी कवायद में जुटे हैं। शनिवार को येदियुरप्पा ने पत्रकारों से बातचीत में राज्य सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के शुक्रवार को ही विश्वास मत प्रक्रिया संपन्न कराने के निर्देश के बावजूद सदन में सरकार ने वक्त जाया किया।
सोमवार को होने वाले विश्वासमत को लेकर कर्नाटक में राजनीतिक माहौल गर्म
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