विज्ञान ने भी माना 'उपवास' का महत्व, रिसर्च में सामने आए चौंकाने वाले परिणाम
विज्ञान ने भी माना 'उपवास' का महत्व, रिसर्च में सामने आए चौंकाने वाले परिणाम
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नई दिल्ली: धार्मिक तौर पर व्रत और उपवास रखने का महत्व तो सभी को पता है, किन्तु वैज्ञानिक रूप देखा जाए तो उपवास रखने से व्यक्ति का शरीर स्वस्थ और संतुलित बना रहता है. कई बॉलिबुड सितारे भी अपने आप को फिट रखने के लिए उपवास रखते हैं. हाल ही में हुए अध्ययन से ये पता चला है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से इंफेक्शन का जोखिम कम हो जाता है. फूड प्वॉइजनिंग होने पर खाना पचाने में समस्या होती है. इसलिए इस दौरान भोजन करने की मनाही होती है. दरअसल, इंटरमिटेंट फास्टिंग को वजन कम करने में बेहद असरदार माना जाता है. इस डाइट में काफी समय तक भूखा रहना होता है. इससे बढ़ते वजन को रोकने में सहायता तो मिलती ही है, मेटाबॉलिज्म भी अच्छा बना रहता है.

जब फूड प्वाइजनिंग के लिए जिम्मेदार संक्रमण का पता लगाने की बात आई, तो ये कह पाना थोड़ा कठिन था कि इंटरमिटेंट फास्टिंग इसमें पूरी तरह लाभकारी है या नहीं. इसके बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के लिए कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने चूहों के एक समूह पर रिसर्च की. इसमें चूहों के समूह ने अपने मुंह के द्वारा साल्मोनेला बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 48 घंटे पूर्व और संपर्क में आने के दौरान फास्टिंग की थी. शोध के मुताबिक, फास्टिंग इंफेक्शन को बढ़ने से रोकती है. इसके साथ ही, गैस्ट्रोएंटेराइटिस को कम करती है, जो उल्टी और दस्त का एक आम कारण है. एक्सपर्ट के मुताबिक, इस पर अभी अधिक शोध की जरूरत है. आप अपने कैलोरी इनटेक को हर दिन की तुलना में कम कर सकते हैं. इससे आपकी पाचन क्रिया बेहतर होगी और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में होने वाले इंफेक्शन का खतरा बहुत हद तक घट जाएगा. 

वैज्ञानिकों के मुताबिक, विशेष रूप से फास्टिंग कर रहे चूहों के समूह में संक्रमण का कोई खतरा नहीं पाया गया. जबकि साल्मोनेला उन चूहों में तेजी से फैलता है, जो फास्टिंग पर नहीं होते हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, साल्मोनेला बैक्टीरिया ने फास्टिंग कर रहे चूहों की आंत को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया, क्योंकि बैक्टीरिया चूहों की आंतों की दीवार पर आक्रमण करने में असमर्थ थे. इसके बाद जब फास्टिंग कर रहे चूहों के समूहों को एक दिन बाद वापस कुछ खिलाया गया तो साल्मोनेला की तादाद में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई. साल्मोनेला की बढ़ती हुई संख्या नें आंत की दीवार पर आक्रमण करना आरंभ कर दिया. हालांकि, ये वृद्धि सामान्य रूप से खाने वाले चूहों की तुलना में कम दर्ज की गई थी.

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