ब्रिटिश संसद करेगा ध्यानचंद का सम्मान
ब्रिटिश संसद करेगा ध्यानचंद का सम्मान
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हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को 25 जुलाई को ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कामंस में ‘भारत गौरव पुरस्कार’ के सम्मान से नवाजा जाएगा. इस पुरस्कार को लेने के लिए उनके बेटे अशोक कुमार ( भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान) को  बुलाया गया है. 

गौरतलब है कि ध्यानचंद ने 3 ओलिंपिक (1928, 1932, 1936) में स्वर्ण पदक जीते थे. उन्होंने 1926 से 1948 के बीच अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 400 से ज्यादा गोल दागे. उन्हें 1956 में देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया था.

विश्व कप 1975 विजेता भारतीय टीम का नेतृत्व करने वाले अशोक ने भोपाल से कहा कि यह बहुत गर्व की बात है कि ब्रिटिश संसद उन्हें अंतरराष्ट्रीय सम्मान दे रही है. भारत में उन्हें अभी तक भारत रत्न नहीं दिया गया. लेकिन दुनियाभर ने उनके फन का लोहा माना है.उन्हने कहा कि हमें बहुत दुख होता है कि ध्यानचंद को अपने ही देश में उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है जबकि लंदन ओलिंपिक 2012 के दौरान मेट्रो स्टेशन का नाम उनके नाम पर रखा गया था और अब यह सम्मान मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि भारतीय हॉकी में उनके योगदान के बारे में सभी जानते हैं इसके बावजूद उन्हें अब तक भारत रत्न नहीं दिया जाना समझ से परे है.अशोक ने बताया कि वह और उनका बेटा सम्मान लेने लंदन जाएंगे. मुझे उसका इंतजार है और मैं अपने बेटे के साथ यह सम्मान लेने जाऊंगा. 

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