लंदन : भारतीय पेशेवरों के लिए एक दुखद सूचना है कि अब उनके लिए लंदन ड्रीम्स को सच करना थोड़ा मुश्किल साबित होगा. ब्रिटेन की सरकार यूरोपीय संघ से बाहर के प्रवासी कार्य करने पर नियंत्रण लगाने का प्रयास कर रही है. प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने बुधवार को संसद में इसका प्रारूप प्रस्तुत किया है. इसके अनुसार टियर टू वीजा की संख्या सीमित करने का प्रावधान रखा गया है. न्यूनतम वेतन में वृद्धि करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए जायेगे. इसका क्रियान्वयन वर्ष के अंत तक किया जावेगा. घरेलू कामगारों को विदेशी कामगारों की मार से सुरक्षित रखने के लिए ही इस नीति को लाया गया है.
यह सरकार की आंत्रप्रेन्योरशिप की संख्या में इजाफा करने का महत्वपूर्ण भाग है. कैमरन ने संसद में जानकारी दी कि स्थानीय नागरिको को प्रशिक्षण देने के स्थान पर अन्य स्थानो से कामगारों को बुलाया जाता है. इससे नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण योजनाये बनायी जायेगी. जानकारी मिली है कि इस योजना के प्रभाव में आने से सबसे अधिक भारतीय पेशेवर पर असर होगा. यूरोपीय संघ में सबसे ज्यादा कामगार भारत से ही आते है. एक रिपोर्ट में भारतीय पेशवर ब्रिटेन के पेशेवर की तुलना में ज्यादा सफल है. एक समाचार पत्र के अनुसार इस निर्णय का प्रभाव सबसे पहले स्वास्थ्य क्षेत्र पर होगा.
10 साल का उच्चतम स्तर
2010 में कैमरन ने प्रवासियों की संख्या में कमी कर एक लाख तक पहुचने का वादा किया था. इसके विपरीत प्रवासियों की संख्या में इजाफा हुआ और 10 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. 2014 में ब्रिटेन में 3,18,000 प्रवासी गए थे. 2013 की तुलना में यह एक लाख से भी अधिक है.
ये कदम उठाए जाएंगे
-प्रवासी पेशेवरों व उनके जीवनसाथी को साथ में काम नहीं करने दिया जाएगा.
-कुशल कामगारों को प्रदान किये जाने वाले वीजा की संख्या में कमी.
-न्यूनतम वेतन में वृद्धि की जावेगी, जिससे प्रवासी कामगार कंपनियों को सस्ता न पड़े.
-प्रवासी कामगारों को रखने वाली कंपनियों पर नए कारोबारी कर लागू किये जाएंगे.
13 भारतीय हिरासत में
अवैधानिक तरह से काम करने के आरोप में ब्रिटेन के अधिकारियों ने 13 भारतीयों को हिरासत में लिया है. इन्हें चार जून को लिसेस्टायर की एक फैक्ट्री से पकड़ा गया. इनमें से 11 अभी भी पुलिस की हिरासत में हैं. इनमें से कुछ पर्यटक वीजा पर ब्रिटेन आए थे. वहीं, कुछ लोग वीजा की अवधि समाप्त होने के पश्चात भी यहाँ रह रहे है.
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