ब्रिटेन की जासूसी से बढ़ा विश्व युद्ध का खतरा
ब्रिटेन की जासूसी से बढ़ा विश्व युद्ध का खतरा
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लंदन : व्हिसिल ब्लोअर एडवर्ड स्नोडन लीक मामले में फाईल के आधार पर चीन और अमेरिका द्वारा कार्रवाई की गई है। जिससे ब्रिटेन की मुश्किलें बढ़़ने लगी हैं। मामले में ब्रिटेन द्वारा विभिन्न देशों के जासूसों को अपने यहां एकत्रित कर लिया है। चीन और रूस द्वारा इस तरह की जासूसी से इन देशों के बीच टकराहट बढ़ी है। मिली जानकारी के अनुसार बीबीसी के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस बात को लेकर राजूसों को बुलाए जाने के संकेत दिए हैं।  ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरून के कार्यालय में इस बात को लेकर चर्चाऐं चली हैं। कहा गया है कि संवदेनशील सामग्री माॅस्कोऔर बीजिंग के खुफिया प्रमुख के कब्जे में है। मामले को लेकर समाचार पत्र द्वारा कहा गया है कि स्नोडन को पुतिन ने ऐसे ही रूस में नहीं रखा है। स्नोडन द्वारा जो दस्तावेज लीक किए गए हैं उसके कोड सुलझ गए हैं।

कहा गया है कि जासूसों के साथ विभिन्न संपत्तियों को निशाना बनाया गया है। इस दौरान यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि स्नोडन रशिया और चीन से डाटा चुराते हैं। यही नहीं उन्होंने अपनी इच्छा से यह सौंपा है। स्नोडन द्वारा वर्ष 2013 में पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों के नेटवर्क में सेंध लगाई गई और करीब 1700000 दस्तावेज लीक किए गए। यही नहीं स्नोडन अमेरिका में सबसे अधिक चाहने वाला अर्थात् मोस्ट वांटेड माना गया है। दूसरी ओर हांगकांग से पलायन कर और भागने वाले रूस में निवास कर रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम के साथ ब्रिटेन की खुफिया जानकारियों रूस और चीन के पास होने से नाटो देशों के बीच दूरियां बढ़ी हैं। माना जा रहा है कि यह वैश्विक स्तर पर युद्ध की परिस्थितियों को बढ़ाने वाला कदम है।

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