इस बार कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त, सोमवार को मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी मनाई जाती है। कृष्ण जन्माष्टमी का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, गजकेसरी योग और शश राजयोग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, कृष्ण जन्माष्टमी पर कुछ विशेष चीजें घर में लाना बहुत ही शुभ माना जाता है। आइए आपको बताते हैं उन चीजों के बारे में:
1. बांसुरी
बांसुरी भगवान श्रीकृष्ण की सबसे प्रिय वस्तु है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में बांसुरी होती है, वहां धन और सुख-शांति का वास होता है। बांसुरी से घर के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह दांपत्य जीवन को भी मधुर बनाती है। इसलिए जन्माष्टमी के दिन घर में बांसुरी जरूर लेकर आनी चाहिए और इसे पूजा स्थल में रखना चाहिए।
2. चांदी की गाय
हिंदू धर्म में गाय का विशेष महत्व है, और इसे देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। जन्माष्टमी के दिन चांदी या पीतल की गाय घर लाना बेहद शुभ माना जाता है। इससे परिवार के सदस्यों को करियर और कारोबार में तरक्की मिलती है। इस गाय को पूजा घर में स्थापित करने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
3. वैजंती माला
वैजंती माला को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि यह माला जहां होती है, वहां माता लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए जन्माष्टमी के दिन वैजंती माला खरीदकर घर में रखने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और घर में समृद्धि आती है। यह माला न केवल धन, बल्कि शांति और सौभाग्य भी लाती है।
4. मोर पंख
मोर पंख भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट का एक अभिन्न अंग है। इसे घर में लाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सुख-शांति का माहौल बनता है। ज्योतिषियों के अनुसार, जन्माष्टमी के दिन मोर पंख को घर में लाने से परिवार में आपसी प्रेम बढ़ता है और विवादों का समाधान होता है। मोर पंख को बच्चों के अध्ययन कक्ष में रखने से उनकी एकाग्रता भी बढ़ती है।
इन वस्तुओं को घर में रखने के अन्य लाभ
इन सभी वस्तुओं का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व तो है ही, साथ ही ये वास्तु दृष्टि से भी लाभकारी मानी जाती हैं। बांसुरी, मोर पंख, चांदी की गाय और वैजंती माला जैसे प्रतीकात्मक वस्तुएं घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर का वातावरण सकारात्मक और सुखमय बनता है।
जन्माष्टमी की पूजा विधि
जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान कर व्रत का संकल्प लें। घर के मंदिर को सजाएं और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या बाल गोपाल को झूले में रखें। पूजा के समय पंचामृत, माखन-मिश्री, फूल, तुलसी और बांसुरी अर्पित करें। रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद भजन-कीर्तन करें और प्रसाद बांटें।
जन्माष्टमी केवल एक धार्मिक उत्सव ही नहीं, बल्कि यह भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों और आदर्शों को जीवन में उतारने का एक अवसर भी है। इस दिन कुछ विशेष वस्तुएं घर लाने से न केवल भगवान का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि का भी वास होता है।
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