मां बनना अपने आप में एक सुखद अनुभव होता है. जब बच्चे का जन्म होता है तब वह पूरी तरह से अपनी मां पर निर्भर होता है. स्तनपान नवजात बच्चो में इम्युनिटी बढ़ाता है, बच्चे का पूरा पोषण स्तनपान पर निर्भर करता है. एक नए रिसर्च में यह बात सामने आई है. रिसर्चरों ने अपनी स्टडी में पाया कि गर्भस्थ शिशु भी पर्यावरण में फैले प्रदूषण से बच नहीं पाते हैं और इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है.
इसलिए उन्होंने जन्म के बाद प्रारंभिक अवस्था में शिशु को दिए जाने वाले आहार की उनके शारीरिक एवं व्यावहारिक विकास में भूमिका का अध्ययन किया. रिसर्चरों ने बच्चो के शुरुआती सालो के दौरान पेशियों के विकास एवं मानसिक विकास में हानिकारक पदूषक पदार्थ एवं नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के प्रभाव का अध्ययन किया. जिसके तहत बताया गया कि गर्भ में रहने के दौरान बच्चो में नर्वस सिस्टम विकसित होता है और तब दूषित पदार्थो को निष्क्रिय करने वाली पर्याप्त डिटॉक्सीफिकेशन प्रणाली का अभाव होता है.
रिसर्चरों ने स्टडी में यह पाया कि जन्म के बाद कम से कम चार महीनों तक स्तनपान करने वाले शिशुओं को हानिकारक प्रदूषक पदार्थ एवं नाइट्रोजन डाइऑक्साइड से ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता है. रिसर्चरों के अनुसार, यह स्टडी जब महिलाएं गर्भवती थीं और बच्चों के जन्म लेने और आठ साल की आयु के होने तक जारी रही.
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