अक्सर बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि सुबह जल्दी उठकर अपनी दिनचर्या शुरू करने से जीवन में सफलता मिलती है। जी हाँ और हर दिन सुबह जल्दी उठकर ध्यान करना अच्छा माना जाता है। इसी के साथ पूजा पाठ से जुड़े भी सभी कामों को सुबह सुबह करना ही सर्वश्रेष्ठ है। जी हाँ और उसी सुबह के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। अब आज हम आपको उसी ब्रह्म मुहूर्त से जुड़े कुछ बेहद ही गहरे रहस्य कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं। इसी के साथ ही, ये भी बताएंगे कि हिन्दू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त का क्या महत्व है। रात के आखिरी पहर सूर्योदय होने से ठीक पहले के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं, इसका मतलब है कि सुबह करीब 4 बजे के बाद से सूर्योदय तक का जो समय होता है, वह ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है। आपको बता दें कि ब्रह्म का अर्थ होता है परम तत्व यानी परमात्मा मुहूर्त यानी समय। जी हाँ और इस तरह ब्रह्म मुहूर्त को देवताओं का समय माना जाता है।
हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त का महत्व- जी दरअसल हिंदू मान्यताओं में ब्रह्म मुहूर्त को सबसे अच्छा समय माना जाता है। वहीं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पुरातन काल में ऋषि मुनि ईश्वर का ध्यान लगाने के लिए इस समय को सर्वश्रेष्ठ मानते थे। जी दरअसल ऐसा कहा जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। जी हाँ और इस समय किए गए सभी कार्यों में सिद्धि मिलती है। वहीं शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी जब लंका गए थे, तब उन्होंने ब्रह्म मुहूर्त में ही अशोक वाटिका में जाकर सीता से मुलाकात की थी।
शुभ होता है ब्रह्म मुहूर्त- सूर्योदय से पहले का समय यानी ब्रह्म मुहूर्त को शुभ माना जाता है। जी दरअसल इस समय प्राकृतिक वातावरण भी अनुकूल होता है। पक्षी चहकने लगते हैं, मुर्गे जगकर बांग मारने लगते हैं। इसके अलावा कमल के फूल खिल उठते हैं। इस वजह से कहा जाता है कि इस मुहूर्त में जगने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इसी के साथ ब्रह्म मुहूर्त से दिनचर्या शुरू करने से पूरा दिन अच्छा जाता है सभी काम समय पर हो जाते हैं। वहीं पढ़ाई के लिए इस समय को सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि रातभर सोकर जब हम उठते हैं तो दिमाग शांत रहता है। इसके अलावा ब्रह्म मुहूर्त में ज्यादा शोर-शराबा भी नहीं होता। इसलिए एकाग्रता बनी रहती है अच्छे से पढ़ाई होती है और ब्रह्म मुहूर्त में चिंतन करने से सफलता जरूर प्राप्त होती है।
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