इस टीम को हराकर शर्मसार होने से बची इंडियन क्रिकेट टीम
इस टीम को हराकर शर्मसार होने से बची इंडियन क्रिकेट टीम
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पिछले दो-तीन साल से टीम इंडिया मे जिस मध्य क्रम को लेकर माथापच्ची चल रही थी, उस मध्य क्रम की स्थिति जस की तस बनी हुई है. वैसे जब टीम रंग में होती है तो उसके शीर्ष क्रम के बल्लेबाज ही काफी होते हैं लेकिन जब कभी भी उसे मध्य क्रम से उम्मीद होती है तो वह धोखा दे जाता है. विश्व कप में अफगानिस्तान के खिलाफ भारतीय टीम के मध्य क्रम की सुस्ती ने उसके आगे की रणनीति पर फिर से विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है. भारत को अगला मैच गुरुवार को ओल्ड ट्रैफर्ड स्टेडियम में वेस्टइंडीज से खेलना है. उसके गेंदबाज इस टूर्नामेंट में शॉर्ट गेंदों का जखीरा लेकर आए हैं, ऐसे में मध्य क्रम को ज्यादा मजबूत और दमदार खेल दिखाना होगा. ताकि अफगानिस्तान जैसी हाल भारत की न हो.

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इस विश्व कप में 2015 विश्व कप के बाद से खोज और प्रयोग करने के बाद विजय शंकर को  पांचवें मुकाबले में चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करना नसीब हुआ है लेकिन उनकी उपयोगिता बल्लेबाजी से ज्यादा गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण में दिख रही है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लोकेश राहुल चौथे नंबर पर उतरे थे जबकि ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ ये जिम्मेदारी हार्दिक पांड्या को मिली. न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच बारिश से धुल गया था. इन दो मैचों में दूसरा विकेट 35 ओवर के आसपास गिरा इसलिए पांड्या को उतारा गया लेकिन बाद में कमजोर अफगानिस्तान ने हमारे मध्य क्रम की कमजोरी बयां कर दी. खासतौर पर करियर के आखिरी पड़ाव पर पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को अफगान स्पिनर राशिद खान की फिरकी के जाल में फंसते देखना सुखद नहीं था.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अफगानिस्तान के खिलाफ इस हालत के लिए बहुत हद तक धौनी जिम्मेदार थे लेकिन देखा जाए तो पिछले विश्व कप के बाद से ही पूरी टीम मध्य क्रम की समस्या का हल निकाल पाने में नाकाम रही है. रन गति में तेजी की कमी ने भारतीय टीम में एक गड़बड़ी पैदा कर दी है. भला हो गेंदबाजों का, जिन्होंने एक कमजोर टीम के खिलाफ खिताब के प्रबल दावेदार टीम को शर्मसार होने से बचा लिया. दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शीर्ष क्रम का होना भी टीम को फायदा नहीं पहुंचा पाया है. लंबे समय से रोहित शर्मा, शिखर धवन और कोहली टीम के कुल स्कोर का दो तिहाई रन बनाते आ रहे हैं लेकिन जरूरत पड़ने पर शायद ही कभी मध्य क्रम रन बनाने में सफल हो पाया है. यही कारण है कि भारत ने अफगानिस्तान के खिलाफ 2015 विश्व कप के बाद पहले 25 ओवरों की बल्लेबाजी के बाद अपना दूसरा सबसे कम रन रेट (4.6) दर्ज किया. पिछले विश्व कप के बाद जब भारत के शीर्ष तीन बल्लेबाज 100 रन से कम पर आउट हुए तो महज दो बार इस टीम ने कुल 280 रन या उससे अधिक का स्कोर बनाया है. इस विश्व कप के प्रबल दावेदारों में शुमार इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड इसे पांच बार कर चुके हैं.

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