'मेरा नाम है बुल्ला मैं रखता हूं खुल्ला' फिल्मों के डबल मीनिंग डायलॉग्स
'मेरा नाम है बुल्ला मैं रखता हूं खुल्ला' फिल्मों के डबल मीनिंग डायलॉग्स
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बॉलीवुड की कई ऐसी फ़िल्में आप सभी ने देखी ही होंगी जिनमे कुछ ऐसे डायलॉग्स बोले गए जिन्हे सुनते ही गलत मतलब निकाल लिया गया. जी हाँ, बॉलीवुड में कई ऐसी फ़िल्में आई है जिनमे डायलॉग्स बहुत ही अजीब और डबल मीनिंग कहे गए और उन्हें सुनते ही दर्शको ने गलत मतलब भी निकाल लिया. वैसे किसी भी फिल्म को हिट बनाने के लिए उसके डायलॉग्स का बहुत बड़ा किरदार होता है इसी वजह से आज हम आपको कुछ फिल्मों के ऐसे डायलॉग्स बताने आए है जो डबल मीनिंग रहे है और हिट हुए है.

फिल्म हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया - 'सिर्फ दिमाग बड़ा है तेरा और दिल इतना सा और वो उससे भी छोटा.'

फिल्म ग्रैंड मस्ती - 'एक राजेश खन्ना की थी हाथी मेरा साथी और मेरा हाथ ही मेरा साथी.'

फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर - 'तुम्हे याद कर करके हाथ थक गया हमारा.'

फिल्म एक्सपोज - 'रवि कुमार लंगोट का बहुत पक्का है वह बिस्तर पर नींद के अलावा और कुछ नहीं लेता.'

फिल्म वंस अपोन ए टाइम - 'जो बिस्तर पर जुबान देते हैं वो अक्सर बदल जाते हैं.'

फिल्म रेस 2 - 'ऊपर वाले ने तुम्हे आगे और पीछे बहुत कुछ दिया है लेकिन ऊपर कुछ नहीं दिया.'

फिल्म क्या सुपर कूल हैं हम - लड़की में सबसे पहले क्या दिखता है इस सवाल का जवाब ये था कि 'डिपेंड करता है लड़की आ रही है या जा रही है.'

फिल्म रांझना - 'कुंदन के पायजामे का नाड़ा इतना ढीला नहीं है कि तेरे ब्लाउज के हुक से खुल जाए.'

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