बीमारियों से लड़ने का इन फिल्मो ने दिया हौसला
बीमारियों से लड़ने का इन फिल्मो ने दिया हौसला
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पूरी दुनिया में आज कोरोना वायरस का आंतक मचा हुआ है। इसके साथ ही समाज में चल रही इस उथल-पुथल में इसकी भयावह स्थिति दर्शाने के लिए फिल्म को लेकर इसका नाम भी रजिस्टर्ड हो गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि फिल्मों में बीमारियों का वर्णन लंबे समय से होता आ रहा है। वहीं अक्सर समाज में व्याप्त ऐसी बीमारियों के बारे में फिल्मों के जरिए प्रकाश डाला गया है साथ ही व्यक्तियों पर पड़ने वाले इसके असर को भी दर्शाया गया है। वहीं आज हम आपके सामने ऐसी ही 10 हिंदी फिल्मों का लेखा जोखा लेकर आए हैं जिनमें किरदार विभिन्न बीमारियों से जूझते हुए दिखाई दिए है ।

आनंद (1971)
साल 1971 में रिलीज हुई यह फिल्म सुपरस्टार राजेश खन्ना की बेहतरीन फिल्मों में एक है। वहीं राजेश खन्ना के अलावा इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और सुमिता सान्याल भी मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म में राजेश कैंसर से जूझ रहे होते हैं बावजूद इसके वह मस्तमौला जिंदगी में विश्वास रखते हैं। इसके साथ ही मरने से पहले भी वह दोस्तों और अपने करीबियों का भला करने का प्रयास करते हैं। इस फिल्म का निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया है। लगभग 50 सालों बाद यह फिल्म आज भी अपनी बेहतरीन कहानी, अभिनय, निर्देशन और संगीत के लिए याद की जाती है।

कल हो ना हो (2003)
करण जौहर निर्देशित यह फिल्म एक रोमांटिक फिल्म है जिसे आज भी लोग पसंद करते हैं। फिल्म में मुख्य किरदारों में शाहरुख खान, सैफ अली खान और प्रीति जिंटा हैं। वहीं फिल्म में अमन माथुर (शाहरुख खान) को हृदयवाहिका रोग होता है। फ़िलहाल इस बात से अनजान नैना (प्रीति जिंटा) उससे प्यार करने लगती है। नैना का भविष्य सुरक्षित करने के लिए अमन, नैना को रोहित पटेल (सैफ अली खान) के करीब भेजने की कोशिश करता है। वहीं साल 2003 में रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी कमाई की थी।

ब्लैक (2005)
संजय लीला भंसाली निर्देशित इस फिल्म में अमिताभ बच्चन और रानी मुखर्जी मुख्य किरदारों में नजर आए। फिल्म में रानी बहरी और अंधी होती हैं। वहीं उनके टीचर बने अमिताभ बच्चन को भी अलजाइमर रोग से पीड़ित दिखाया गया है। दोनों की केमिस्ट्री लाजवाब नजर आई है। इस फिल्म ने कई पुरस्कार अपने नाम किए। यह फिल्म अपने अभिनय और निर्देशन के चलते आज भी हिंदी सिनेमा जगत की कमाल की फिल्मों में शुमार है। अपनी बेहतरीन अदाकारी के लिए अमिताभ बच्चन ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त किया।

पा (2009)
साल 2009 में रिलीज हुई इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, विद्या बालन और अभिषेक बच्चन मुख्य किरदारों में नजर आए। वहीं इस फिल्म में अमिताभ बच्चन ने एक 12 वर्षीय बच्चे का किरदार अदा किया है जो प्रोगेरिया नामक बीमारी से जूझ रहा है। इस बीमारी में बच्चे का शरीर अपनी उम्र से कहीं अधिक व्यक्ति की तरह बर्ताव करने लगता है।वहीं  आर बाल्की निर्देशित यह फिल्म अमिताभ बच्चन के लुक के कारण भी सुर्खियों में रही। फिल्म को लोगों से लेकर फिल्म समीक्षकों तक से अच्छी प्रतिक्रिया हासिल हुई थी।

तारे जमीन पर (2007)
आमिर खान की इस फिल्म को बच्चों समेत सभी वर्ग के दर्शकों ने पसंद किया। इसमें आमिर खान एक शिक्षक की भूमिका में नजर आए।इसके साथ ही  फिल्म में दर्शील सफारी एक बाल कलाकार के तौर पर दिखे हैं जो डिस्लेक्सिया से पीड़ित है जिस वजह से उसे चीजों को समझने में दिक्कत होती है। वहीं इस बारे में उसके घरवालों से लेकर शिक्षकों तक को पता नहीं होता है। आमिर को जब इस बारे में पता चलता है तो वह उस आठ साल के बच्चे की मदद के लिए सभी मुमकिन कोशिश करते हैं और सफलता भी हासिल करते हैं।

गजनी (2008)
साल 2008 में रिलीज हुई यह फिल्म आमिर खान की हिट फिल्मों में एक है। फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर भी सफलता हासिल हुई थी। फिल्म में आमिर एक हादसे के चलते एमनेसिया नामक बीमारी का शिकार हो जाते हैं।  इसमें व्यक्ति  स्मृति में संग्रहीत जानकारी को याद नहीं कर पाता है। यह बीमारी यादों या मेमोरी के एक बड़े पैमाने पर नुकसान को दिखाती है। इसमें व्यक्ति की जिंदगी की महत्वपूर्ण बातें, यादगार घटनाएं और प्रमुख व्यक्ति (दोस्त और रिश्तेदार) शामिल हैं।

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