बाबा के दर्शन मात्र से बनते है बिगड़े काम
बाबा के दर्शन मात्र से बनते है बिगड़े काम
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श्री सांई बाबा को कबीर का अवतार कहा जाता है। साथ ही उन्हें भगवान दत्तात्रेय का अवतार कहा जाता है। कोई कुछ भी कहे है तो वह एक ईश्वरीय अवतार, आज भी श्रद्धालु श्री सांई बाबा की समाधि के दर्शन भर से सभी कष्ट दूर हो जाते है। जिनके चमत्कार लोगों ने अपनी आंखों से देखे और स्वयं अनुभव किए हुए थे। व्यक्ति अपनी श्रद्धा अनुसार बाबा की भक्ति करता है। बाबा ने इंसानियत को सबसे बड़ा धर्म माना है। बाबा के श्रद्धालुओं के कुछ ऐसे अनुभव हैं जिसे आज भी वे सभी के बीच बताते हैं। जिन श्रद्धालुओं ने बाबा का स्मरण किया वे भवसागर से तर गए। हिन्दू सभ्यता में व्रतों का अति प्रचलन है चाहे वह देवी का हो या भगवान का, मनुष्य अपनी इच्छाओ की पूर्तिके लिए व्रत करता है।  इन्हीं व्रतों में एक व्रत साईं बाबा के लिए गुरुवार को रखा जाता है, बाबा के इस व्रत को करने से सभी मनोकामनाए पूर्ण होती है। चाहे वह मनोकामना नौकरी, शादी, स्थानांतरण की हो बाबा अपने सभी भक्तो की म,अनोकामनाये पूर्ण करते है।

श्री शिरडी सांई बाबा, जिन्होंने शिरडी को अपनी कर्मभूमि बनाया। बाबा के दर्शनों के लिए आज भी देश - विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिरडी पहुंचते हैं बाबा की एक झलक पाने के लिए लम्बी लम्बी कतार में लगे रहते हैं। श्री सांई में श्रद्धालुओं की असीम भक्ति थी। सांई भी अपने श्रद्धालुओं से बहुत प्यार करते थे। बाबा अपने भक्तो को कभी निराश नहीं करते है। जो भक्त सच्चे मन से बाबा का स्मरण करता है,बाबा उसके सभी कष्ट हर लेते है। कहा जाता है बाबा को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार का उपवास रखना चाहिए।जिसे पूरी निष्ठां व सच्ची भक्ति के साथ करना चाहिए। जिससे बाबा प्रसन्न हो सभी मनोकामनाए पूर्ण करे। गुरुवार का दिन साईं बाबा के पूजन - भजन के लिए रहता है। इस दिन जो भी भक्त अपनी इच्छा से सच्चे मन से बाबा की आराधना करता है। बाबा उसकी हर मनोकामनए पूर्ण करते है।

जो भी भक्त बाबा की आराधना करता है बाबा उसका साथ कभी नहीं छोड़ते है। गुरुवार को बाबा का व्रत किया जाता है।इस व्रत को महिला या पुरुष कोई भी कर सकता है। बाबा अपने भक्तो को कभी भेदभाव वाली निगाहो से नहीं देखते है चाहे वह राजा हो या रंक। बाबा अपने भक्तो को एक समान नजर से देखते है और सबकी झोलोया भरते है। बाबा के मनोइच्छा पूर्ण करने के लिए  9  गुरुवार उपवास करना चाहिए । कहा जाता है की कुमकुम बाबा को अतिप्रिय है,गुरुवार को बाबा को कुमकुम का तिलक लगाना चाहिए। बाबा को कुमकुम लगाने से बड़े ही सौभाग्य की प्राप्ति होती है।गुरुवार के दिन बाबा का उपवास रख किसी गरीब को भोजन कराये,श्रद्धा अनुसार दान दे कर घर से विदा करे। गुरुवार को बाबा की किताबे वितरण करे। बाबा को दूध अर्पित करने से वंश की वृद्धि होती है। बाबा को दही समर्पित करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है,साथ ही दूध अर्पित करने से वंश की वृद्धि होती है। बाबा  की आराधना करते हुए हमेशा दाहिनी और घी का दीपक और बायीं और तेल का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए। बाबा आपकी हर एक मनोकामना पूर्ण करते है।

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