इमरान खान के अच्छे दिन ख़त्म, दर्ज हुआ 'ईशनिंदा' का केस, कभी भी हो सकती है गिरफ़्तारी
इमरान खान के अच्छे दिन ख़त्म, दर्ज हुआ 'ईशनिंदा' का केस, कभी भी हो सकती है गिरफ़्तारी
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को कभी भी पुलिस अरेस्ट कर सकती है। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इमरान खान के खिलाफ ईशनिंदा (Blasphemy) की धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है और उन्हें कभी भी अरेस्ट किया जा सकता है। वहीं, इमरान खान की पार्टी (PTI) ने पूर्व पीएम के खिलाफ दर्ज किए गए केस को गैर-कानूनी बताया है, मगर रिपोर्ट है कि इमरान खान के खिलाफ मौजूदा सरकार सख्त कार्रवाई कर सकती है।

दरअसल, पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ के सऊदी अरब दौरे के वक़्त मदीना मस्जिद में ‘चोर-चोर’ और ‘भिखारी-भिखारी’ के नारे लगाए गए, जिसको लेकर सऊदी अरब की ओर से बेहद कड़ी प्रतिक्रिया दी गई है और पाक मस्जिद का इस्तेमाल सियासत के लिए करने के आरोप में कई पाकिस्तानियों को सऊदी अरब से वापस पाकिस्तान भेज दिया गया है। वहीं, इस्लामी मौलानाओं ने भी मदीना मस्जिद में नारेबाजी को नापाक करार दिया है। जिसको लेकर पाकिस्तान में इमरान खान सहित 150 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। शहबाज शरीफ की पार्टी PML-N का कहना है कि इमरान खान के इशारे पर ही पाक मस्जिद में इतनी घटिया हरकत हुई है, जिससे सऊदी अरब की प्रतिष्ठा पर भी प्रभाव पड़ा है। इमरान खान के अलावा, फवाद चौधरी, नेशनल असेंबली के पूर्व डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी सहित 150 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

इमरान खान पर जो आरोप लगाए गए हैं, उसमें उनपर गुंडागर्दी करने और मोहम्मद पैगंबर का अपमान करने का इल्जाम शामिल है। ये  केस फैसलाबाद के निवासी नईम भट्टी ने दर्ज करवाया है, जिसमें कहा गया है कि, इमरान खान ने शहबाज शरीफ के खिलाफ नारे लगाने के लिए 100 से अधिक लोगों को सऊदी अरब स्थिति पवित्र मदीना मस्जिद में भेजा था, जिन्होंने मस्जिद के भीतर नापाक नारेबाजी की, जिससे मस्जिद को अपवित्र करने का प्रयास किया गया और पैगंबर का अपमान किया गया है। जिसके बाद पाकिस्तान पुलिस ने इमरान खान के खिलाफ धारा 295A, 295-A, 296 और 109 के तहत केस दर्ज किया है, जो ईशनिंदा की धाराएं है।

वहीं, PTI नेता और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने सोमवार को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में एक रिट याचिका दायर करते हुए ईशनिंदा कानूनों के तहत पार्टी नेतृत्व के खिलाफ दर्ज मुकदमों को “अवैध” करार देने की मांग की है। PTI नेताओं ने कहा कि यह घटना एक सहज प्रतिक्रिया थी और जनता के आक्रोश को प्रदर्शित करती है, जबकि, सरकार का दावा है कि यह घटना PTI नेतृत्व द्वारा नियोजित और सुनियोजित थी। वहीं, हाई कोर्ट के सहायक रजिस्ट्रार असद खान ने पुष्टि की कि याचिका मिल गई है। फवाद की तरफ से PTI की कानूनी टीम एडवोकेट फैसल फरीद और एडवोकेट अली बुखारी ने याचिका दाखिल की है।

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