मध्यप्रदेश में नई बीजेपी टीम बनाने को लेकर दबाव बढ़ा
मध्यप्रदेश में नई बीजेपी टीम बनाने को लेकर दबाव बढ़ा
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भोपाल: मध्‍यप्रदेश बीजेपी अध्यक्ष VD शर्मा द्वारा प्रदेश संगठन की नई टीम नहीं बनाए जाने से केंद्रीय नेतृत्व मुकरे हुए है. हाईकमान ने निर्देश दिया है कि प्रदेश संगठन को अगस्त में ही अनिवार्य रूप से प्रदेश BJP कार्यसमिति की बैठक बुलानी है. इसका मतलब है कि अगर प्रदेश कार्यसमिति की बैठक को बुलाया जा रहा है, तो पुरानी टीम के जरिए नहीं बुलाई जाने वाली है.

पार्टी नेताओं का मानना है कि प्रदेश कार्यसमिति की बैठक बुलाने से पहले वीडी शर्मा को नई कार्यकारिणी का एलान होने वाले है. उसके उपरांत ही नई टीम के साथ प्रदेश कार्यसमिति की बैठक की जाने वाली है. इधर, सबसे बड़ा संकट यह है कि कई नाम व पदों पर सत्ता-संगठन और हाईकमान में असहमति के कारण मामला अटका हुआ है. सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा मंत्रिपरिषद के दूसरे विस्तार के उपरांत उम्मीद थी कि जुलाई में हर हाल में बीजेपी प्रदेश संगठन की नई टीम आकार लेने वाली है. शर्मा ने भी जल्द टीम घोषित करने की घोषणा की है. लेकिन इसके भी मामला अब तक सहमति और असहमति के उपरांत अटका हुआ है. पहले सीएम और फिर प्रदेशाध्यक्ष के कोविड-19 संक्रमित होने से भी केस टलता ही जा रहा है.

पुरानी टीम निष्क्रिय: इधर प्रदेश बीजेपी की पूर्व अध्यक्ष राकेश सिंह की पुरानी टीम का कोई भी पदाधिकारी संगठन कार्य में सक्रिय नहीं है. सभी प्रतीक्षा कर रहे है. नई टीम में किसे अवसर मिलता है. गौरतलब है कि प्रदेश बीजेपी की मौजूदा टीम पिछले 4 वर्ष से अधिक समय से कार्य कर रहे है. पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने 2016 में जो कार्यकारिणी बनाई थी, अब तक वही किया जा रहा है. 2018 में प्रदेशाध्यक्ष बनाए गए राकेश सिंह ने भी इस टीम में कोई परिवर्तन नहीं किए गए. हालांकि, प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का कहना है कि पार्टी कार्यकारिणी को लेकर सारे स्तर पर चर्चा की जा रही है. जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाने वाला है. कई गुटीय चुनौतियां: पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की सहायता से बीजेपी ने मप्र में भगवा सरकार तो बना ली, लेकिन अब गुटीय संतुलन, जातिगत और भौगोलिक संतुलन बना पाना बीजेपी के लिए किसी अनुसार से कम नहीं है. सीएम शिवराज सिंह चौहान की मंत्रिपरिषद को ही लें तो ग्वालियर और चंबल के मत्रियों की तादाद अधिक हो गई है. वहीं, विंध्य और महाकोशल को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से संगठन में नाराजगी बढ़ती जा रही है. पार्टी के लिए यह एक बड़ी परेशानी है कि वह इन चुनौतियों से कैसे निपटे. मध्यप्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा डॉ. विनय सहस्रबुद्घे ने इस पर कहा कि कोविड-19 की वजह से कुछ विलंब जरूर हुआ है, लेकिन जल्द ही नई टीम आपके सामने होने वाली है.

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