बीजेपी के पुराने दिग्गजों ने बताई अपनी अहमियत
बीजेपी के पुराने दिग्गजों ने बताई अपनी अहमियत
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नई दिल्ली : बिहार चुनाव के बाद आखिरकार आजादी के पहले जन्मे नेताओ को मौका मिल ही गया। अपनी अहमियत समझाते हुए उन्होने बीजेपी के नेतृत्व पर ही सवाल कड़े कर दिए। बीजेपी के पुराने दिग्गज लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा व शांता कुमार ने एक साझा बयान जारी कर बीजेपी के नए कद्दावरों पर तीखा हमला किया है। बता दें कि नरेंद्र मोदी ने पार्टी के पुराने विशेषज्ञों पर हमला बोलते हुए कहा था कि अब पार्टी की कमान आजादी के बाद जन्मे लोग संभालेंगे।  

बड़े नेताओं का कहना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी ये नही संभले और उससे कोई सबक नही लिया। पिछले 1 साल में पार्टी कमजोर होती जा रही है। इस साझा बयान में यह भी कहा गया है कि बिहार चुनाव में हुई हार की विस्तृत समीक्षा होनी चाहिए। और इस दौरान जो लोग चुनाव की बागडोर संभाल रहे थे, उन्हें इस समीक्षा प्रक्रिया से दूर रहना चाहिए। इनका कहना है कि हार का ठीकरा सबके सर फोड़ना खुद की गलती पर परदा डालने समान है। जब जीत पर इतराओं तो हार की जिम्मेदारी भी लो।

यशवंत सिन्हा की ओर से जारी बयान के अनुसार जीतने पर श्रेय लेना और हारने पर भाग जाना, ये सही नही है। बिहार में हुई हार पर जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। बयान में यह आरोप भी लगाया गया कि पार्टी एक साल में कमजोर हो गई है। बताया जाता है कि इस साझा बयान पर हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री शांताकुमार ने टेलीफोन द्वारा अपनी सहमति जताई है।

बुजुर्गो द्वारा कसी गई इस नकेल से संघ भी तिलमिला गया है। संघ भाजपा के केंद्र में कार्य से संतुष्ट है पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट है। वो अब चुप नही रहना चाहते है। संघ का कहना है कि बिहार में हुई हार को बीजेपी बहुत हल्के में ले रही है। 

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