कोलकाता: पश्चिम बंगाल में शुभेंदु अधिकारी की अगुवाई में भाजपा के 54 विधायकों ने सोमवार को गवर्नर जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और राज्य में कानून व्यवस्था की गिरती दशा को दिखाते हुए सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है. इस संबंध में भाजपा ने गवर्नर जगदीप धनखड़ को ज्ञापन भी सौंपा है. राज्यपाल को दी गई चिट्ठी में भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि विधानसभा में गवर्नर के साथ गलत बर्ताव किया गया. उन्हें रोकने का प्रयास किया गया और समूचे राज्य में यही स्थिति चल रही है, जहां विरोधियों का मुंह बंद किया जा रहा है.
WB Guv: Perturbed at unwholesome turn of events in the assembly during Guv Address. More sad than hurt at the unexpected blockade attempt by lady Ministers & MLAs.Our culture tainted. Unprecedented-Marshal defied directive of the Chair. Temple of Democracy stood ravaged. pic.twitter.com/wYaOLY4x3I
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) March 7, 2022
भाजपा नेताओं ने कहा कि, इसीलिए बंगाल में आर्टिकल 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जा रही है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी भाजपा द्वारा बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की जा चुकी है. मगर इस प्रकार संगठित तौर पर 54 विधायकों को साथ लेकर राष्ट्रपति शासन की मांग पहली बार की गई है. गवर्नर जगदीप धनखड़ ने भी ट्वीट करते हुए आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस (TMC) की महिला विधायकों ने उनका रास्ता रोकने का प्रयास किया. मार्शल ने अध्यक्ष के निर्देश की अवहेलना की. लोकतंत्र का मंदिर नष्ट हो गया. इनसे वे बेहद आहत हैं.
दरअसल, सोमवार को विधानसभा में बजट सत्र की शुरुआत गवर्नर के अभिभाषण से होने वाली थी. मगर जैसे ही राज्यपाल ने बोलना शुरू किया, सदन में भाजपा विधायकों ने चुनाव बाद हिंसा के मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. ऐसे मैं गवर्नर ने अपना अभिभाषण रोक दिया. विधानसभा में यह स्थिति करीब एक घंटे तक जारी रही. आखिरकार राज्यपाल ने दो लाइन अभिभाषण पढ़कर औपचारिकता पूरी की और विधानसभा से निकल गए. इसी के बाद भाजपा विधायक विधानसभा से निकलकर, रैली करते हुए राजभवन पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर राज्यपाल से बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की. हालांकि राज्यपाल ने अभी इस विषय में स्पष्ट नहीं किया है कि वह इस मांग पर कोई कदम उठाएंगे या नहीं.
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