प्रधानमंत्री की घुड़की का हुआ असर !
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नईदिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कथिततौर पर हंगामा करने वाले गौवंश रक्षकों का विरोध करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी ने अपने 6 वर्ष पुराने गौर वंश विकास प्रकोष्ठ को समाप्त कर दिया है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रकोष्ठ की स्थापना गाय का महत्व समझाने के लिए की थी। दरअसल गौर रक्षकों को लेकर सामने आए विवाद को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने इस तरह का निर्णय ले लिया।

उल्लेखनीय है कि कुछ समय पहले ही गुजरात के ऊना में गाय की मौत हो जाने पर उसकी खाल निकालने वाले दलित युवकों को वाहन से बांधकर पीट दिया गया। जिसके बाद विपक्षी दलों ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इस मामले में दखल देते हुए यह कहा गया कि देश में ई फर्जी गौर रक्षक बनाए गए। जो कि गाय की रक्षा के नाम पर अपना प्रतिष्ठान चलाते हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि इस तरह प्रकोष्ठ की उत्तरप्रदेश इकाई को बंद करने का निर्णय लिया गया है। भारतीय जनता पार्टी के राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर करीब 40 प्रकोष्ठ हैं। ये प्रकोष्ठ गौर वंश विकास प्रकोष्ठ हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कहा कि अब इन प्रकोष्ठों को कम कर दिया जाएगा। जो आवश्यक प्रकोष्ठ हैं वे ही रखे जा रहे हैं। इतना ही नहीं राज्य इकाईयों से स्थानय आवश्यकताओं और परिस्थितियों के अनुसार 5 प्रकोष्ठ बनाने होंगे।

भारतीय जनता पार्टी के नेता द्वारा कहा गया है कि यह प्रकोष्ठ 2015 तक सक्रिय था मगर केंद्रीय नेतृत्व द्वारा भविष्य में इसे नहीं रखने का निर्णय लिया गया है। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने भी इस मामले में कहा कि भविष्य में केंद्रीय स्तर पर प्रकोष्ठ बनाया जाना संभावित है। भारतीय जनता पार्टी के नेता ने कहा कि जिन नए प्रकोष्ठों का गठन किया जाएगा उसके साथ भविष्य में केंद्रीय स्तर पर इस तरह का प्रकोष्ठ बनाया जा सकता है।

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