क्या कोरोना मुक्ति होने के बाद पटरी पर आ पाएगी भारतीय अर्थव्यवस्था ?
क्या कोरोना मुक्ति होने के बाद पटरी पर आ पाएगी भारतीय अर्थव्यवस्था ?
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महामारी कोरोना के कारण दुनिया भर में जारी लॉकडाउन को अब धीरे-धीरे खोला जा रहा है. इसके साथ ही अब निगाह इस बात पर है कि कोरोना से पहले वाली हालत में आने में अर्थव्यवस्था कौन सी राह पकड़ेगी. वी शेप मुश्किल दिख रही है. लेकिन जेड शेप में बढ़ी तो भी अच्छी बात होगी. एसबीआइ इकोरैप की रिपोर्ट के मुताबिक वी और जेड शेप से रिकवरी अर्थव्यवस्था के लिए शुभ है. इस शेप से रिकवरी होने पर अर्थव्यवस्था जल्द ही कोरोना पूर्व स्तर पर पहुंच जाएगी. लेकिन एल शेप से रिकवरी होने पर अर्थव्यवस्था को कोरोना पूर्व काल में पहुंचने में लंबा वक्त लग जाएगा.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि एसबीआइ इकोरैप ने ब्रूकिंग रिसर्च के हवाले से कहा है कि जेड शेप में अर्थव्यवस्था महामारी के दौरान नीचे जाती है, लेकिन मांग में अचानक पूर्व महामारी काल से अधिक की उछाल आती है. यह एक अस्थायी बूम होता है. लेकिन इस शेप की अच्छी बात है कि महामारी के जोखिम खत्म होने के बाद स्थिति सामान्य हो जाती है.

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इस मामले को लेकर रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक सकारात्मक स्थिति वी शेप की रिकवरी में होती है. वी शेप में महामारी के दौरान उत्पादन पूरी तरह से ठप हो जाता है, लेकिन एक बार सामाजिक दूरी समाप्त होने पर बहुत तेजी से पहले वाले स्तर पर मांग व उत्पादन पहुंच जाते हैं. एक बार गति पकड़ लेने पर सबकुछ पहले की तरह सामान्य हो जाता है. वही, रिपोर्ट के मुताबिक यू शेप के तहत अर्थव्यवस्था पर महामारी का असर लंबे समय तक रहता है. सामाजिक दूरी की अनिवार्यता को समाप्त किए जाने के बाद भी रिकवरी काफी धीमी रहती है और जीडीपी का विकास अत्यंत धीमा रहता है.

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