संकट चौथ के दिन जरूर पढ़े चंद्रदेव की यह कथा
संकट चौथ के दिन जरूर पढ़े चंद्रदेव की यह कथा
Share:

सकट चौथ का पर्व इस साल 31 जनवरी को मनाया जाने वाला है। इस पर्व को तिलकुटा चौथ, संकट चौथ, माघी चतुर्थी के नाम से भी पुकारा जाता है। आप सभी को बता दें कि इस दिन महिलाएं अपनी संतान की सलामती और लंबी उम्र के लिए गणेश भगवान की पूजा अर्चना करती हैं। इसी के साथ भगवान चन्द्रमा की भी पूजा की जाती है। उनकी कथा और आरती कर उन्हें खुश किया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं चंद्रदेव की कथा।

चंद्रदेव की कथा- मत्स्य एवम अग्नि पुराण के अनुसार जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि रचने का विचार किया तो सबसे पहले अपने मानसिक संकल्प से मानस पुत्रों की रचना की। उनमें से एक मानस पुत्र ऋषि अत्रि का विवाह ऋषि कर्दम की कन्या अनुसुइया से हुआ जिस से दुर्वासा,दत्तात्रेय व सोम तीन पुत्र हुए। सोम चन्द्र का ही एक नाम है। पद्म पुराण में चन्द्र के जन्म का अन्य वृतान्त दिया गया है। ब्रह्मा ने अपने मानस पुत्र अत्रि को सृष्टि का विस्तार करने की आज्ञा दी। महर्षि अत्रि ने अनुत्तर नाम का तप आरम्भ किया। ताप काल में एक दिन महर्षि के नेत्रों से जल की कुछ बूंदें टपक पड़ी जो बहुत प्रकाशमय थीं। दिशाओं ने स्त्री रूप में आ कर पुत्र प्राप्ति की कामना से उन बूंदों को ग्रहण कर लिया जो उनके उदर में गर्भ रूप में स्थित हो गया।

परन्तु उस प्रकाशमान गर्भ को दिशाएं धारण न रख सकीं और त्याग दिया। उस त्यागे हुए गर्भ को ब्रह्मा ने पुरुष रूप दिया जो चंद्रमा के नाम से प्रख्यात हुए। देवताओं,ऋषियों व गन्धर्वों आदि ने उनकी स्तुति की। उनके ही तेज से पृथ्वी पर दिव्य औषधियां उत्पन्न हुई। ब्रह्मा जी ने चन्द्र को नक्षत्र,वनस्पतियों,ब्राह्मण व तप का स्वामी नियुक्त किया।

अब मध्यप्रदेश में होगी शराब की होम डिलीवरी, तैयारी में जुटी सरकार

बिहार में अपराधी बेख़ौफ़, अब सुशांत राजपूत के रिश्तेदारों को बदमाशों ने मारी गोली

योगी कैबिनेट का विस्तार जल्द, नए चेहरों को मिल सकती है जगह

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -