नूतन ने स्विमिंग कॉस्टयूम पहनकर उस समय के समाज को चौंका दिया था......
नूतन ने स्विमिंग कॉस्टयूम पहनकर उस समय के समाज को चौंका दिया था......
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बॉलीवुड की खूबसूरत अभिनेत्रियों में शुमार व फिल्मों के बढ़े पर्दे पर स्विमसूट पहनने वाली पहली अभिनेत्री के रूप में मशहूर हुई अभिनेत्री नूतन आज यदि हमारे बीच होतीं तो पूरे 80 साल की हो गई होतीं। 4 जून 1936 को मुंबई में जन्मीं नूतन पिता डायरेक्टर और कवि कुमारसेन समर्थ और मां एक्ट्रेस शोभना समर्थ की सबसे बड़ी बेटी चार संतानों में थीं। उनकी दोनों बहनें तनुजा काजोल और तनिषा मुखर्जी की मां और चतुरा भी बॉलीवुड एक्ट्रेस रह चुकी हैं। वे एक्टर मोहनीश बहल की मां और एक्ट्रेस काजोल मुखर्जी अब देवगन की मौसी थीं। इस बीच नूतन ने मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और प्रथम चुनी गईं. उस वक्त नूतन की उम्र महज 16 साल थी। लेकिन बॉलीवुड के किसी भी निर्माता का ध्यान उनकी ओर नहीं गया। 

बाद में अपनी मां और उनके दोस्त मोतीलाल की सिफारिश से नूतन को 1950 में फिल्म 'हमारी बेटी' में अभिनय करने का मौका मिला. इस फिल्म का निर्देशन उनकी मां शोभना समर्थ ने किया. इसके बाद नूतन ने 'हमलोग', 'शीशम', 'नगीना' और 'शवाब' जैसी कुछ फिल्मों में अभिनय किया. लेकिन इन फिल्मों से वह कुछ खास पहचान नहीं बना सकीं. 1955 में प्रदर्शित फिल्म 'सीमा' में अपने दमदार अभिनय के लिए नूतन को सर्वश्रेष्ठ फिल्म अभिनेत्री का पुरस्कार मिला. अभिनेत्री नूतन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत उस समय कर दी थी, जब वे मात्र 14 साल की थीं। 1950 में आई फिल्म 'हमारी बेटी' उनकी पहली फिल्म थी। इस फिल्म का प्रोडक्शन उनकी मां शोभना समर्थ ने ही किया था।

1958 में प्रदर्शित फिल्म 'दिल्ली का ठग' में नूतन ने स्विमिंग कॉस्टयूम पहनकर उस समय के समाज को चौंका दिया. फिल्म 'बारिश' में नूतन ने काफी बोल्ड दृश्य दिए जिसके लिए उनकी बहुत आलोचना भी हुई. लेकिन बाद में विमल राय की फिल्म 'सुजाता' और फिर 'बंदिनी' में नूतन ने अत्यंत मर्मस्पर्शी अभिनय कर अपनी बोल्ड अभिनेत्री की छवि को बदल दिया. 1959 में आई 'सुजाता' नूतन के करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई. फिल्म में उन्होंने एक अछूत कन्या के किरदार को रूपहले पर्दे पर साकार किया.

इसके साथ ही फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिए वह दूसरी बार फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित की गईं. 1974 में भारत सरकार ने देश के चौथे सबसे बड़े सम्मान पद्म श्री से नूतन को नवाजा था। 1991 में 54 साल की उम्र में नूतन का निधन हो गया था। जिंदगी के आखिरी सालों में वे ब्रेस्ट कैंसर से लड़ रही थीं, लेकिन यह जंग वे हार गईं। 

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