नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा चुनावों से ठीक पहले सवर्णों के हित के लिए बड़ा ऐलान किया है. लोकसभा चुनावों से पूर्व बड़ा कदम उठाते हुए मोदी कैबिनेट ने सोमवार को ''आर्थिक रूप से पिछड़े'' तबकों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण के फैसले को हरी झंडी दे दी है. आज इसी सम्बन्ध में 2 बजे लोकसभा में बिल पेश हो चुका है, साथ ही इस मामले पर बहस जारी है.
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भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के समर्थन का आधार मानी जाने वाली सवर्ण जातियों लंबे समय से इस बारे में मांग कर रही थी, कि उनके गरीब तबकों को भी आरक्षण प्रदान किया जाए. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बताया है कि संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को एक संवैधानिक संशोधन विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा.
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जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में हार झेलने के बाद भाजपा को याद आया है कि आरक्षण भी देना है. उन्होंने कहा है कि साढ़े चार साल बाद इस सरकार को इस बात की याद आई है. सच तो यह है कि उनका आरक्षण देने का कोई इरादा ही नहीं है, अगर संसद से यह पारित नहीं होता है तो वे कहेंगे कि हमने प्रयास किया, लेकिन संसद से विपक्ष ने इसे पास नहीं होने दिया.
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