क्या शत्रु संपत्ती कानून होगा पारित, सरकार के लिए है टेढ़ी खीर
क्या शत्रु संपत्ती कानून होगा पारित, सरकार के लिए है टेढ़ी खीर
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इन दिनों राज्यसभा और लोकसभा में तीखे आरोप और हमले झेल रही है। मगर केंद्र सरकार भी विपक्ष के विरूद्ध अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकाॅप्टर डील का मसला लेकर आ गई है। मगर इसके बीच केंद्र सरकार विभिन्न लंबित बिलों को पारित करने के प्रयास में लगी है। जहां सरकार ने बीते समय जीएसटी विधेयक को पारित करने का प्रयास किया था वहीं अब केंद्र सरकार 48 वर्ष पुराने शत्रु संपत्ति कानून को संशोधित करने की कोशिशों में लगी है, लेकिन इसको राज्यसभा को मंजूरी मिलने के आसार नहीं हैं।

इस तरह के कदमों का विरोध करने वाले चार राजनीतिक दलों को लेकर भी अपनी तैयारी में लगे हैं। इन विरोधी दलों का कहना है कि उनका मूनल कानून संतुलित था जिसमें बदलाव होने पर प्राकृतिक न्याय के आधारभूत सिद्धांत का उल्लंघन किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस, जेडीयू, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी ने केंद्र सरकार के इस बिल का विरोध किया है और कहा है कि यह बिल जनता के हित में नहीं है।

इसका विरोध कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता केसी त्यागी, कांग्रेस के पीएल पुनिया, के रहमान खान और हुसैन दलवई, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा और सपा के जावेद अली खान ने शत्रु संपत्ति कानून 1968 में संशोधनों पर प्रवर समिति में असहमति जताई है। सांसद द्वारा कहा गया कि उनके विचार से मौजूदा विधेयक के प्रावधान प्राकृतिक न्याय के मूलभूत सिद्धांतों, मानवाधिकारों और स्थापित कानून के सिद्धांतों का वे उल्लंघन कर रहे हैं। 

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