नई दिल्ली: देश में आम चुनाव करीब आ रहे हैं, इससे पहले सरकार जनता को रिझाने में लगी हुई है. इसी क्रम में गुरुवार को लोकसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का विधेयक सर्वसम्मति से पास हो गया. विधेयक पर मतदान के दौरान मौजूद रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके पारित होने पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को बधाई दी.
OBC वर्ग को सरकार का बड़ा तोहफा, आज संसद में पेश होगा संवैधानिक दर्जे देने का बिल
इससे पहले पिछली बार इस विधेयक में संशोधन पारित करने वाली कांग्रेस ने भी इस बार लोकसभा में संशोधन को ख़ारिज कर दिया. दूसरी पार्टियों द्वारा समर्थन मिलने से अब इस विधेयक के राज्य सभा में भी निर्विघ्न पास होने की संभावनाएं बढ़ गई है. दरअसल, चुनावों के नज़दीक होने से ओबीसी आयोग को लेकर राजनीति तेज हो गई थी. बीजेपी बार-बार कांग्रेस पर आरोप लगा रही थी कि कांग्रेस ओबीसी को अधिकार नहीं देना चाहती. जिससे कांग्रेस पार्टी के हाथों से ओबीसी वोट बैंक फिसलता दिख रहा था, इसीलिए कांग्रेस ने अपना रुख बदल लिया है.
विधेयक में हुए बदलाव
आयोग की सिफारिशों पर राज्यपाल की जगह राज्य सरकार से सुझाव लिया जाएगा
आयोग भी ओबीसी वर्ग के उत्थान में भागीदारी करेगा यानि नीतियों को बनाने में भी मदद देगा, पहले सिर्फ मशविरा देने की बात थी.
ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा मिलने के बाद जहां उसे दंड देने का भी अधिकार मिल जाएगा, वहीं जातियों को केंद्रीय सूची में शामिल करने के प्रस्तावों पर भी फैसला ले सकेगा
आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की जनहित याचिका
वहीं दूसरी और सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को लेकर एक जनहित याचिका ख़ारिज कर दी है. याचिका में सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया गया था कि अदालत सरकार को उन्ही लोगों को सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण देने के निर्देश दें, जो गरीबी रेखा के नीचे (BPL) आते हों.
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