पटना: राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से प्रवासी मजदूरों को लेकर भले ही एडवाइजरी जारी की जा रही है. उनसे पैदल अपने घरों को नहीं जाने के लिए आग्रह किया जा रहा है, किन्तु प्रवासी श्रमिकों का बदस्तूर आना-जाना अब भी जारी है. सरकारी बन्दोबस्ती इनकी संख्या के सामने कम पड़ते दिख रहे हैं. कोई पैदल है, तो किसी ने साइकिल का सहारा लिया .तो कोई ऑटो और टेम्पो के सहारे घर की तरफ निकल पड़ा है.
छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं के साथ पैदल सड़कें नापता जा रहा ये जत्था दिल्ली और राजस्थान से आ रहा है. इनमें से अधिकतर लोग कप प्लेट फैक्ट्री में काम करते थे, किन्तु लॉक डाउन से काम बंद हुआ, तो इनके सामने रोजी के साथ रोटी की समस्या पैदा हो गयी, जब तक जमा पूंजी थी दिल्ली में रहे, मगर जब पैसे खत्म होने लगे, तो परिवार के साथ अपने घर के लिए निकल पड़े. दिल्ली में पुलिसवालों ने एक ट्रक में बैठा दिया, जिससे ये किसी तरह पटना तक पहुंच गए, लेकिन पटना से नवादा के लिए साधन नहीं मिला, तो पैदल ही चल पड़े.
पटना के बिहटा में राइस मिल में काम करनेवाले दो श्रमिक पैदल ही खगड़िया के लिए निकल पड़े हैं. जिनसे कुछ ही दूरी पर राजस्थान से झारखंड के देवघर जाने वाले पांच मजदूर चल रहे हैं, इन्हें भी साधन की तलाश है. कहते हैं प्रशासन क्वारंटाइन सेंटर में रहने के लिए कह रहा है, लेकिन हमको घर जाना है.
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